भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा जारी शोक – संदेश
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, लोकप्रिय जन-प्रतिनिधि और जनसंघ के समय से ही भारतीय जनता पार्टी को मज़बूत बनाने एवं संगठन को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने में महती भूमिका निभाने वाले श्री कल्याण सिंह जी के निधन से दुखी एवं स्तब्ध हूँ। वे सच्चे अर्थों में ऐसे जन-नेता थे जिन्होंने समाज के कल्याण और गरीबों के उत्थान के लिए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया था।
ओजस्वी व्यक्तित्व के धनी श्री कल्याण सिंह जी ने अपने कृतित्व और सेवा भाव से देश के राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन में एक अमिट छाप छोड़ी। उनका संपूर्ण जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित रहा। उन्होंने सिद्धांतों से कभी भी समझौता न करते हुए भारतीय जनता पार्टी की मशाल सदैव जलाई रखी और पूरी जिंदगी शोषितों, वंचितों व पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ते रहे।
किसान परिवार में जन्म लेने वाले श्री सिंह बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर उच्च शिक्षा प्राप्त की। वे शिक्षक भी रहे। उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों में जागरुकता पैदा की और उनके हक के लिए लड़ाई लड़ी। उनके निधन से न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में एक राजनीतिक शून्य पैदा हुआ है जिसकी भरपाई संभव नहीं है। कल्याण सिंह जी का निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है। लाखों कार्यकर्ताओं को पार्टी की सेवा के लिए तैयार करने वाले “बाबू जी” की छवि सदैव हमारे मन-मस्तिष्क में विराजमान रहेगी। यह भारतीय जनता पार्टी के लिए एक अपूरणीय क्षति है। पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले रहते थे।
श्री कल्याण सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए। वे 1967 से 1980 तक लगातार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इस बीच आपातकाल के समय वे लगभग 21 महीने जेल में भी रहे। आपातकाल समाप्त होने के बाद 1977 में उत्तर प्रदेश में बनी सरकार में वे स्वास्थ्य मंत्री बने। भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद वे उत्तर प्रदेश के संगठन महामंत्री बने। वे 24 जून 1991 से 6 दिसंबर 1992 तक और 21 सितंबर 1997 से 12 नवंबर 1999 तक, दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वे उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री थे। उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी सफलतापूर्वक अपनी भूमिका निभाई। अपने लंबे राजनीतिक और सामजिक जीवन में उन्होंने जो प्रतिष्ठा अर्जित की वो बहुत ऊंची थी।
भारत के सांस्कृतिक उत्थान में श्री कल्याण सिंह जी के अमूल्य योगदान के लिए आने वाली पीढ़ियां हमेशा उनका ऋणी रहेगी। भारत की महान विरासत और परंपराओं में उनकी अथाह श्रद्धा थी। श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में भी उनकी भूमिका उल्लेखनीय थी। वे किसानों, दलितों, शोषितों, वंचितों, पिछड़ों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास करते रहे।
दुःख की इस घड़ी में मैं स्वयं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से श्रद्धेय कल्याण सिंह जी के शोकाकुल परिवार एवं उनके सहयोगियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ। साथ ही भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को धैर्य और साहस प्रदान करने की प्रार्थना करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। ॐ शांति।
कल्याण सिंह जी का निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है। लाखों कार्यकर्ताओं को पार्टी की सेवा के लिए तैयार करने वाले “बाबू जी” की छवि सदैव हमारे मन-मस्तिष्क में विराजमान रहेगी। कल्याण सिंह जी ने देश की राजनीति को नयी दिशा दिखाई।
प्रभु श्री राम उन्हें अपने चरणों में स्थान दें।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) August 21, 2021
कल्याण सिंह जी ने सदैव गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण व अधिकारों हेतु संघर्ष किया।उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा राष्ट्रहित और जनकल्याण को सर्वोपरि रखा। उन्होंने कभी भी आदर्शों से समझौता नहीं किया।
उनके पुत्र राजवीर सिंह जी और परिवारजनों के प्रति गहरी शोक संवेदना।
ॐ शांति!— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) August 21, 2021