राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं भारतीय विचार केंद्रम् के संस्थापक निदेशक श्री पी. परमेश्वरन जी के निधन का समाचार सुनकर मैं अत्यंत दुखी हूँ। वे सच्चे अर्थों में एक महान पुरुष थे जिन्होंने समाज के उत्थान के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया था।
बहुआयामी प्रतिभा के धनी श्री परमेश्वरन एक बेहतरीन लेखक, कवि, अनुसंधान-कर्ता और सम्मानित विचारक थे। वे भारतीय जन संघ के सचिव (1967-1971) और उपाध्यक्ष (1971-1977) भी रहे। उन्होंने दिल्ली स्थित पंडित दीनदयाल अनुसंधान संस्थान के निदेशक (1977-1982) के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। उन्हें 2018 में देश के दूसरे सबसे बड़े असैन्य सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से और 2004 में ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया था।
श्री परमेश्वर न भारतीय विचारऔर दर्शन के प्रमुख व्याख्याता थे।अपने विचारों पर अडिग रहने वाले श्री परमेश्वर न ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, आध्यात्मिक उत्थान और गरीब-कल्याण के लिएअपना सारा जीवन लगा दिया।उनका निधन समाज के लिए एकअपूरणीय क्षति है।वे कई लोगों के लिए प्रेरणा के स्रोतथे।
दुःख की इस घड़ी में मैं स्वयं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से उनके निधन पर अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ। साथ ही भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
*****************