कांग्रेस अपने ही देश के खिलाफ और सशस्त्र बलों को कमजोर करने की मुहिम में सदैव लगी रही। कभी वह हमारे सशस्त्र बलों का मजाक उड़ाती रही तो कभी उनकी वीरता पर संदेह करती रही फिर वह चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो, एयर स्ट्राइक हो, डोकलाम हो, गलवान हो या धारा 370 को हटाने का मामला।
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पाकिस्तान की संसद में उसके पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान असेंबली के पूर्व स्पीकर ने खुलासा किया है कि भारत के खौफ के कारण पाकिस्तान को विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को भारत को सौंपने के लिए मजबूर होना पड़ा और भारत के खौफ से पाकिस्तानी विदेश मंत्री और पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष के भारत के खौफ से पैर कांप रहे थे, उन्हें पसीना आ रहा था।
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बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय कांग्रेस और उसके तमाम नेताओं ने इस पर सवाल उठाये थे लेकिन आज के खुलासे से स्पष्ट हो गया है कि भारत के एयर स्ट्राइक की विभीषिका और संभावित हमले से होने वाले नुकसान के डर से उसे तत्काल विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को छोड़ना पड़ा।
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कांग्रेस के शहजादे को भारत के किसी भी संस्था, प्रतिष्ठान पर विश्वास नहीं है, चाहे वह सेना हो, सरकार हो या हमारे लोग हों। यदि उन्हें अपने देश पर विश्वास नहीं है तो वे अपने ‘सबसे भरोसेमंद देश’ पाकिस्तान की ही सुन लें। उम्मीद है कि अब तो उनकी आंखें खुलेंगी।
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कांग्रेस और उसकी यूपीए सरकार ने हर प्रकार की चालबाजी की ताकि सेना को अत्याधुनिक राफेल न मिल सके लेकिन देशवासियों ने ऐसी निकृष्ट राजनीति को नकार कर कांग्रेस को कड़ा सबक सिखाया है।
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राहुल गाँधी, कांग्रेस पार्टी और उसके नेता देश में चीन और पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ाने में दिन–रात लगे हुए हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जब कांग्रेस पार्टी ने पाकिस्तान और चीन की तारीफ़ के कसीदे पढ़े और हिंदुस्तान को बदनाम करते हुए देश के वीर जवानों के मनोबल को गिराने का काम किया।
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कांग्रेस के एक नेता ने सेना प्रमुख को गुंडा कहा तो दूसरे ने झूठा, तीसरे ने सेना को रेपिस्ट कहा तो चौथे ने सेना को नरसंहार करने वाला बताया। पांचवें ने कहा कि सेना कश्मीर में अवाम को मार रही है. गुलाम नबी आजाद से लेकर दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं ने हिंदुस्तान को बदनाम किया।
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राहुल गाँधी और कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम समझ से परे है। ये सवाल इस लिए उठ रहा है क्योंकि जो कांग्रेस कहती है वहीं पाकिस्तान बोलने लगती है और जो पाकिस्तान कहता है, वैसा ही कांग्रेस के नेता बयान देते हैं चाहे धारा 370 का खात्मा हो, सर्जिकल स्ट्राइक हो, एयर स्ट्राइक हो या कोरोना का मामला।
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राहुल गाँधी के धारा 370 पर दिए बयान का जिक्र पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र संघ को भारत के खिलाफ सौंपे गए डोजियर के पहले पन्ने पर किया। पाकिस्तान में राहुल गाँधी के बयानों ने काफी सुर्खियाँ बटोरी।
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यूपीए सरकार में गृह मंत्री रहे कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर धारा 370 को वापस लाया जाएगा। शशि थरूर ने अभी हाल ही में पाकिस्तान के मंच पर भारत को बुराई और पाकिस्तान की बड़ाई की थी।
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कांग्रेस पार्टी ने ‘गुपकार’ वार्ता में भाग लिया और धारा 370 को फिर से बहाल करने की मांग की। ऐसा करके एक तरह से कांग्रेस पार्टी ने इस पर चीन से भी मदद लेने का मंसूबा जाहिर किया क्योंकि फारुक अब्दुल्ला ने ऐसे इरादे पहले ही जाहिर कर दिए थे। महबूबा मुफ़्ती के भी कुछ ऐसे ही बयान थे।
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जर्मनी में जब राहुल गांधी से डोकलाम को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। जब राहुल गाँधी को जानकारी नहीं थी तो उन्होंने डोकलाम को ‘धोखालाम’ कैसे कहा?
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डोकलाम विवाद के समय राहुल गांधी ने रात के अंधेरे में परिवार सहित चीन के राजदूत मुलाकात की, लेकिन भारत सरकार को विश्वास में नहीं लिया। पहले कांग्रेस पार्टी ने इस मुलाकात को नकारा, लेकिन बाद में उन्हें स्वीकार करना पड़ा।
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राफेल को लेकर राहुल गाँधी ने बार–बार झूठ बोला लेकिन सुप्रीम कोर्ट में राफेल को लेकर सारे झूठ बेनकाब हो गए। इतना ही नहीं, राहुल गाँधी को झूठ बोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में माफी भी मांगनी पड़ी।
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नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को ‘फरिश्ता‘ बताया। पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष को गले लगाया। मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान जाकर वहां के टीवी चैनल के एक डिबेट में पाकिस्तान से श्री नरेन्द्र मोदी जी को प्रधानमंत्री पद से हटाने में मदद की मांग की थी।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज गुरुवार को नकारात्मक राजनीति के परिचायक और हमेशा देश को बदनाम करने में आगे रहने वाले राहुल गाँधी पर जमकर प्रहार किया और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई को लेकर पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री और पाकिस्तान असेंबली के पूर्व स्पीकर के खुलासे पर कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा किया। ज्ञात हो कि पाकिस्तान की संसद में उसके पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि भारत के खौफ के कारण पिछले साल विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की रिहाई हुई थी। साथ ही पाकिस्तान असेंबली के पूर्व स्पीकर अयाज सादिक ने कहा, ‘मुझे बखूबी याद है कि एमएम कुरैशी उस बैठक में थे जिसमें पीएम इमरान खान ने भाग लेने से इनकार कर दिया था। कुरैशी के पैर कांप रहे थे, उन्हें पसीना आ रहा था। इस बैठक में विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था कि अल्लाह के वास्ते इसको (अभिनंदन) वापस जाने दो, क्योंकि रात 9 बजे हिंदुस्तान, पाकिस्तान पर हमला कर देगा।
श्री नड्डा ने ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस अपने ही सशस्त्र बलों को कमजोर करने की मुहिम में सदैव लगी रही। कभी वह हमारे सशस्त्र बलों का मज़ाक उड़ाती रही तो कभी उनकी वीरता पर संदेह करती रही। कांग्रेस और उसकी यूपीए सरकार ने हर प्रकार की चालबाजी की ताकि सेना को अत्याधुनिक राफेल न मिल सके लेकिन देशवासियों ने ऐसी निकृष्ट राजनीति को नकार कर कांग्रेस को कड़ा सबक सिखाया है। उन्होंने पाकिस्तान के संसद में कबूलनामे के वीडियो को शेयर करते हुए कहा कि कांग्रेस के शहज़ादे को भारत की किसी भी चीज पर विश्वास नहीं है, चाहे वह सेना हो, सरकार हो या हमारे लोग हों। यदि उन्हें अपने देश पर विश्वास नहीं है तो वे अपने ‘सबसे भरोसेमंद देश’ पाकिस्तान की ही सुन लें। उम्मीद है कि अब तो उनकी आंखें खुलेंगी।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गाँधी, कांग्रेस पार्टी और उसके नेता देश में चीन और पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ाने में दिन–रात लगे हुए हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जब कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने पाकिस्तान और चीन की तारीफ़ के कसीदे पढ़े और हिंदुस्तान को बदनाम करते हुए देश के वीर जवानों के मनोबल को गिराने का काम किया। उन्होंने कहा कि जब पुलवामा एयर स्ट्राइक हुआ था तो कांग्रेस और उसके तमाम नेताओं ने इस पर सवाल उठाये थे। इतना ही नहीं कांग्रेस के कई नेताओं ने तो विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के पाकिस्तान में पकड़े जाने पर सवाल उठाये थे और भारत के दबाव में उन्हें छोड़े जाने पर पाकिस्तान की तारीफ़ की थी लेकिन आज के खुलासे से स्पष्ट हो गया है कि भारत के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की विभीषिका और संभावित हमले से होने वाले नुकसान के डर से पाकिस्तान बुरी तरह घबराया हुआ था और उसे तत्काल विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को छोड़ना पड़ा।
राहुल गाँधी और कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम समझ से परे है। ये सवाल इस लिए उठ रहा है क्योंकि जो कांग्रेस कहती है वहीं पाकिस्तान बोलने लगती है। धारा 370 के खात्मे पर राहुल गाँधी ने कश्मीर में कत्लेआम की बात की तो पाकिस्तान ने इस बयान को हाथों हाथ लिया। यहाँ तक कि इस बयान का उपयोग पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के खिलाफ डोजियर में भी किया। भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक किया तो राहुल गाँधी, नवजोत सिंह सिद्धू, सैम पित्रोदा, दिग्विजय सिंह जैसे कई कांग्रेस नेताओं ने इसपर सवाल खड़े किये और कहा कि पुलवामा हमले में भारत का हाथ नहीं है तो पाकिस्तान ने उस वक्त कहा कि पुलवामा हमला भारत ने खुद कराया है। राहुल गांधी ने सेना–सरकार से बालाकोट एयर स्ट्राइक के सबूत मांगे तो पाक ने बालाकोट एयर स्ट्राइक का दावा झूठा करार दे दिया। सर्जिकल स्ट्राइक के समय तो राहुल गाँधी ने सेना के जांबाजों की वीरता को ‘खून की दलाली‘ की संज्ञा तक दे दी थी।
चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो, एयर स्ट्राइक हो, डोकलाम हो, गलवान की घटना हो या धारा 370 को हटाने का मामला, कांग्रेस सभी गंभीर मौकों पर देश के खिलाफ खड़ी रही। गलवान घाटी में सेना के शौर्य पर भी राहुल गाँधी और कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाये और लगातार झूठे बयान दिए। डोकलाम के समय रात के अँधेरे में छुप कर राहुल गाँधी ने चीनी उच्चायोग से मुलाक़ात की थी और कांग्रेस नेता इस मुलाक़ात से मुकर भी गए थे। राहुल गाँधी और कांग्रेस का चीन और पाकिस्तान से प्रेम समझ से परे है। आखिर यह रिश्ता क्या कहलाता है?
ऐसे कई उदाहरण हैं, जब कांग्रेस ने भारत को शर्मसार किया है और पाकिस्तान–चीन की तरफदारी की है।