भारतीय जनता पार्टी राफेल सौदे पर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने के देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करती है। इससे स्पष्ट हो गया है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं
********************
सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर देश के लोकप्रिय और ईमानदार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ राहुल गाँधी की झूठी और शर्मनाक बयानबाजी पर दायर अवमानना याचिका पर निर्णय देते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गाँधी ने जानबूझ कर बार–बार ऐसे बयान दिए और अदालत को राजनीति में घसीटा
********************
चूंकि सजा से बचने के लिए राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग ली थी और कोर्ट ने उनकी माफी स्वीकार कर ली, इसलिए राहुल गाँधी सजा से बच गए अन्यथा उन पर इस बयानबाजी को लेकर भी कार्रवाई होती
********************
सड़क से संसद तक राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी ने राफेल डील मामले पर देश को गुमराह करने की भरसक कोशिश की और देश के लोकप्रिय एवं ईमानदार प्रधानमंत्री के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की। राहुल गाँधी को इसके लिए देश से अविलंब माफी मांगनी चाहिए। काश! राहुल गाँधी देश में होते और जनता से माफी मागंते!
********************
राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी ने राफेल डील पर एक के बाद एक कई झूठ बोले। राफेल डील की कीमत को लेकर झूठ बोला, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान राष्ट्रपति को कोट करते हुए झूठ बोला, डील की प्रक्रिया को लेकर झूठ बोला और ऑफसेट पार्टनर के चुनाव को लेकर झूठ बोला
********************
आजादी के बाद एक कोरे झूठ के आधार पर देश की जनता को गुमराह करने का इतना बड़ा प्रयास पहले कभी नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट से लेकर जनता की अदालत तक, राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी के एक–एक झूठ का पर्दाफ़ाश हो गया है
********************
कांग्रेस पार्टी ने देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं का हर समय अपमान ही किया है चाहे वह सुप्रीम कोर्ट हो, सीएजी हो, चुनाव आयोग हो या फिर अन्य संवैधानिक पदों की गरिमा
********************
राहुल गाँधी और कांग्रेस एंड कंपनी द्वारा जान–बूझ कर लोक सभा चुनावों के मद्देनजर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और देश की छवि धूमिल करने के लिए किया गया एक कुत्सित प्रयास भर था और कुछ नहीं
********************
2007 से 2014 तक देश की रक्षा जरूरतों से संबंधित सभी मामलों को लटका कर कांग्रेस की सोनिया–मनमोहन सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया था
********************
भारतीय जनता पार्टी राफेल सौदे पर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने के देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करती है। इससे स्पष्ट हो गया है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। इस बार भी सत्य की जीत हुई है और झूठ की हार हुई है।सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह सिद्ध हो गया है कि झूठ के पाँव नहीं होते और विजय हमेशा सत्य की ही होती है।
सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर देश के लोकप्रिय और ईमानदार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ राहुल गाँधी की झूठी और शर्मनाक बयानबाजी पर दायर अवमानना याचिका पर निर्णय देते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गाँधी ने जानबूझ कर बार-बार ऐसे बयान दिए और अदालत को राजनीति में घसीटा। कोर्ट ने राहुल गाँधी से भविष्य में बयानबाजी में सतर्कता बरतने को भी कहा। चूंकि सजा से बचने के लिए राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग ली थी और कोर्ट ने उनकी माफी स्वीकार कर ली, इसलिए राहुल गाँधी सजा से बच गए अन्यथा उन पर इस बयानबाजी को लेकर भी कार्रवाई होती।
सड़क से संसद तक राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी ने राफेल डील मामले पर देश को गुमराह करने की भरसक कोशिश की लेकिन सच्चाई सामने आकर रहती है क्योंकि झूठ के पाँव नहीं होते। राहुल गाँधी को इसके लिए देश से अविलंब माफी मांगनी चाहिए। काश! राहुल गाँधी देश में होते और जनता से माफी मागंते!
सुप्रीम कोर्ट में राफेल सौदे को लेकर चार अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी और इसमें मुख्यतः तीन विषयों निर्णय प्रक्रिया, डील की कीमत और ऑफसेट पार्टनर के चुनाव पर सवाल उठाये गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट फैसला दिया कि इसमें जांच की कोई जरूरत नहीं है। आजादी के बाद एक कोरे झूठ के आधार पर देश की जनता को गुमराह करने का इतना बड़ा प्रयास पहले कभी नहीं हुआ। उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि यह दुष्प्रयास देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी और उसके तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा किया गया है। कोर्ट द्वारा राहुल गाँधी को फटकार इस बात का सबूत है।
राहुल गाँधी और कांग्रेस एंड कंपनी द्वारा जान–बूझ कर लोक सभा चुनावों के मद्देनजर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और देश की छवि धूमिल करने के लिए किया गया एक कुत्सित प्रयास भर था और कुछ नहीं। आज दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। 2007 से 2014 तक देश की रक्षा जरूरतों से संबंधित सभी मामलों को लटका कर कांग्रेस की सोनिया–मनमोहन सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है।
राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी ने राफेल डील पर एक के बाद एक कई झूठ बोले। राफेल डील की कीमत को लेकर झूठ बोला, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान राष्ट्रपति को कोट करते हुए झूठ बोला, डील की प्रक्रिया को लेकर झूठ बोला, ऑफसेट पार्टनर के चुनाव को लेकर झूठ बोला लेकिन सुप्रीम कोर्ट से लेकर जनता की अदालत तक, राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी के एक–एक झूठ का पर्दाफ़ाश हो गया है।
कांग्रेस पार्टी ने देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं का हर समय अपमान ही किया है चाहे वह सुप्रीम कोर्ट हो, सीएजी हो, चुनाव आयोग हो या फिर अन्य संवैधानिक पदों की गरिमा।
*********************