02 मई 2021 के दोपहर से बंगाली जनता की जो निर्दयतापूर्वक हत्याएं हो रही हैं, महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं और दुकानों एवं घरों को लूटा जा रहा है, इसकी मैं कठोर निंदा करता हूँ। भाजपा स्टेट स्पांसर्ड ट्रेजडी की इस घड़ी में बंगाल की जनता के साथ खड़ी है। हम इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक ले जायेंगे।
********************
बंगाल में जारी हिंसा और पलायन की घटनाएं विभाजन के समय की त्रासदी की याद दिलाती है। 02 मई की दोपहर से शुरू हुआ हिंसा का तांडव, 16 अगस्त 1946 के ‘डायरेक्ट एक्शन डे‘ की तुलना में तनिक भी कम नहीं है। इसे ममता दीदी के ‘खेला होबे डे‘ के रूप में याद रखा जाएगा।
********************
2 मई की दोपहर से ही बंगाल में हिंसा का तांडव हो रहा है और ममता दीदी36 घंटे तक चुप बैठी रहती हैं, ये बताता है कि ये हिंसा न केवल स्टेट स्पांसर्ड है बल्कि इसके पीछे उनकी भागीदारी भी है।
********************
दीदी, आपकी चुप्पी बहुत कुछ बोलती है। बंगाली जनता के खून से सने हुए हाथ के साथ ममता दीदी की बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी पारी शुरू हुई है। बंगाल में जो कुछ भी हो रहा है, वह निश्चित रूप से स्टेट स्पांसर्ड अटैक है। दीदी ने लोकतंत्र का मजाक बना कर रख दिया है।
********************
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस जीती जरूर है लेकिन मानवता हार रही है।हम जिस ‘सोनार बांग्ला‘ का निर्माण करना चाहते थे, वह स्वप्न ममता जी के नतीजे आने के साथ उनके संरक्षण में भड़की हिंसा में बिखरता हुआ दिखाई दे रहा है।
********************
तृणमूल समर्थित लोगों ने भाजपा के ग्रासरूट लेवल के कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला किया, उनके परिवार पर हमला किया और ख़ास कर महिलाओं को टारगेट किया। लोगों के घर तोड़े गए, घर और दुकानें लूट ली गई और हजारों लोगों को बंगाल से बाहर पलायन करने पर मजबूर किया गया।
********************
महिलाओं के साथ पाशविक क्रूरता और बलात्कार की घटनाएं भी सामने आई हैं। जब मैं कहता था कि बंगाल में महिलायें असुरक्षित हैं, तो मैं सच था। जनादेश से जमीनी सच्चाई छुप नहीं सकती।
********************
1946-47 में ब्रिटिश राज में भी बंगाल की धरती खून से रंगी थी, आज 02 मई की दोपहर से बंगाल की धरती पर बंगाली जनता का खून दिखाई दे रहा है। मैं इस कुकृत्य की कड़ी भर्त्सना करताहूँ। हम इन कुत्सित विचारों, हिंसा की राजनीति और सेलेक्टिव टॉलरेंस के विचार को ख़त्म करके रहेंगे।
********************
पिछले दो दिनों से ह्यूमन राइट्स के सभी तथाकथित स्वयंभू चैम्पियंस में पता नहीं, कौन सी चुप्पी छा गई है, उनके मुंह से कुछ निकल ही नहीं रहा। ये सेलेक्टिव ह्यूमन राइट्स की लड़ाई लड़ते हैं क्या? शर्म आनी चाहिए ह्यूमन राइट्स के ऐसे चैम्पियंस पर!
********************
संदेशखली, होसाबा और ईस्ट कैनिंग सहित कई गाँवों को तृणमूल कांग्रेस के समर्थित गुंडों ने बंधक बना लिया और पूरे गाँव में लूटपाट की। हजारों लोग जान बचाने के लिए असम चले गए हैं।
********************
ईस्ट कैनिंग वही एरिया है जिसे पहले अम्फान की त्रासदी झेलनी पड़ी थी और अब वहां के लोगों को ‘ममताफान‘ झेलना पड़ रहा है। वहां के लोगों को तो डबल ट्रेजडी का सामना करना पड़ रहा है।
********************
जब मैं कल बंगाल आया था, तब तक हमारे 9 कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या की गई थी लेकिन अब ये आंकड़ा बढ़ कर 14 तक पहुँच गया है। मुझे नहीं पता कि ये सिलसिला कहाँ जाकर रुकेगा।
********************
भारतीय जनता पार्टी पूरी दृढ़ता के साथ बंगाल के हर भाजपा कार्यकर्ता के साथ खड़ी है। हम अपने सभी कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाते हुए ये लड़ाई बंगाल के सभी नागरिकों के लिए लड़ेंगे ताकि वे स्वाभिमान और इज्जत के साथ निर्भय होकर अपना जीवन यापन कर सकें। यही भाजपा का लक्ष्य है।
********************
बंगाल की जनता ने हमें 77 विधायक और लगभग 38% वोट देते हुए विपक्ष की बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। मैं लड़ाई लड़ कर दिखाउंगा। हम बंगाल की भलाई और बंगाली अस्मिता की रक्षा के लिए कटिबद्ध होकर काम करते हुए रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभायेंगे।
********************
चुनाव परिणाम आते ही हमारे केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पुनः एक बार ममता बनर्जी जी को चिट्ठी लिखी है कि आप बंगाल के किसानों की सूची भेजें ताकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का फायदा जल्द से जल्द मिल सके। हम किसानों के कल्याण के लिए कटिबद्ध हैं।
********************
मैं यह भी चाहूंगा कि ममता दीदी को सद्बुद्धि आये और वे आयुष्मान भारत योजना को बंगाल में भी लागू करेंगे। हम बंगाल की जनता की सेवा से रत्ती भर भी पीछे नहीं हटेंगे।
********************
आज मैं बहुत पीड़ा में हूँ। मैं पुनः दोहराना चाहता हूँ कि ममता दीदी की संस्कृति, बंगाल की संस्कृति नहीं है। न उनकी भाषा से बंगला की महान संस्कृति परिलक्षित होती है, न ही उनके कृतित्व से।
********************
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत श्री जगत प्रकाश नड्डा ने पश्चिम बंगाल में जारी राज्य प्रायोजित हिंसा, आगजनी, लूटपाट और महिलाओं के साथ अमानवीय दुर्व्यवहार की घटनाओं के मद्देनजर आज बुधवार को कोलकाता में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और इस हिंसा को राज्य प्रायोजित हिंसा बताते हुए 02 मई को ममता बनर्जी का ‘खेला होबे डे’ बताया। इससे पहले श्री नड्डा ने आज हेस्टिंग्स स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण में जारी हिंसा के तांडव के विरोध में और बंगाल में लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिए विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही, माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल के भाजपा के सभी नव-निर्वाचित विधायकों, पार्टी के सांसदों, कोर कमिटी के सदस्यों और प्रवक्ताओं ने ‘सोनार बांग्ला’ के निर्माण और बंगाल से राजनीतिक हिंसा को ख़त्म करने और राज्य में गणतंत्र की स्थापना करने की शपथ ली। ज्ञात हो कि श्री नड्डा भाजपा कार्यकर्ताओं की हो रही हत्या और जानलेवा हमलों पर प्रजातांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज करने दो दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल में हैं।
प्रेस वार्ता की शुरुआत में बंगाल में जारी हिंसा में जान गंवाने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं, घायल पार्टी कार्यकर्ताओं, बंगाल से पलायन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं और तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण में गुंडों द्वारा मचाये गए हिंसा के तांडव से संबंधित एक वीडियो भी चलाया गया। वीडियो में चुनाव के दौरान ममता बनर्जी और तृणमूल विधायक हमीदुल रहमान के हिंसा को उकसावे वाले बयानों को भी दिखाया गया। प्रेस वार्ता में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री दिलीप घोष, प्रदेश भाजपा प्रभारी श्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व सांसद श्री सुवेंदु अधिकारी, श्री शमिक भट्टाचार्य, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री भूपेन्द्र यादव, श्री दुष्यंत गौतम एवं श्री तरुण चुघ और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री दिनेश त्रिवेदी सहित कई पार्टी सांसद और पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि02 मई 2021 के दोपहर से बंगाली जनता की जो निर्दयतापूर्वक और बर्बरतापूर्ण हत्याएं हो रही हैं, महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं और दुकानों एवं घरों को लूटा जा रहा है, इसकी मैं कठोर निंदा करता हूँ। भारतीय जनता पार्टी एकजुट होकर स्टेट स्पांसर्ड ट्रेजडी की इस घड़ी में बंगाल की जनता के साथ खड़ी है। बंगाल में जारी हिंसा और पलायन की घटनाओं को दख कर मुझे अनायास ही विभाजन के समय की त्रासदी याद हो आई है। 02 मई की दोपहर से शुरू हुआ हिंसा का तांडव, 16 अगस्त 1946 के ‘डायरेक्ट एक्शन डे‘ की तुलना में तनिक भी कम नहीं है। नंदीग्राम में ममता बनर्जी ने चुनावों के दौरान ‘खेला होबे‘ की बात कही थी, इस परिप्रेक्ष्य में निश्चित रूप से 02 मई को ममता बनर्जी के ‘खेला होबे डे‘ के रूप में याद किया जाएगा।
ममता बनर्जी पर कड़ा प्रहार करते हुए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि02 मई की दोपहर से ही तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण में हिंसा हो रही है और मुख्यमंत्री 36 घंटे तक चुप बैठी रहती हैं, ये बताता है कि ये हिंसा न केवल स्टेट स्पांसर्ड है बल्कि इस हिंसा के पीछे उनकी भागीदारी भी है। दीदी, आपकी चुप्पी बहुत कुछ बोलती है। बंगाली जनता के खून से सने हुए हाथ के साथ ममता दीदी की बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी पारी शुरू हुई है।
श्री नड्डा ने कहा कि हिंसा की इन वीभत्स घटनाओं को देख कर इसके पैटर्न का पता चलता है।तृणमूल समर्थित लोगों ने भाजपा के ग्रासरूट लेवल के कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला किया, पार्टी कार्यकर्ताओं के परिजनों पर हमला किया और ख़ास कर महिलाओं को टारगेट किया गया। लोगों के घर तोड़े गए, घर और दुकानें लूट ली गई और हजारों लोगों को बंगाल से बाहर पलायन करने पर मजबूर किया गया। इन वारदातों में महिलाओं के साथ पाशविक क्रूरता और बलात्कार की घटनाएं भी सामने आई हैं। जब मैं कहता था कि बंगाल में महिलायें सबसे अधिक असुरक्षित हैं, तो मैं सच था। जनादेश से जमीनी सच्चाई छुप नहीं सकती।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि1946-47 में ब्रिटिश राज में भी बंगाल की धरती खून से रंगी थी, आज 02 मई की दोपहर से बंगाल की धरती पर बंगाली जनता का खून दिखाई दे रहा है। मैं इस कुकृत्य की कड़ी भर्त्सना करता हूँ। हम इन कुत्सित विचारों, हिंसा की राजनीति और सेलेक्टिव टॉलरेंस के विचार को ख़त्म करके रहेंगे।
श्री नड्डा ने कहा किसंदेशखली, होसाबा और ईस्ट कैनिंग सहित कई गाँवों को तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण में उनके समर्थित गुंडों ने बंधक बना लिया और पूरे गाँव में लूटपाट की। हजारों लोग जान बचाने के लिए असम चले गए हैं। ईस्ट कैनिंग वही एरिया है जिसे पहले अम्फान की त्रासदी झेलनी पड़ी थी और अब वहां के लोगों को ‘ममताफान‘ झेलना पड़ रहा है। वहां के लोगों को तो डबल ट्रेजडी का सामना करना पड़ रहा है।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा किबंगाल में तृणमूल कांग्रेस जीती जरूर है लेकिन मानवता हार रही है।हम जिस ‘सोनार बांग्ला‘ का निर्माण करना चाहते थे, वह स्वप्न ममता जी के नतीजे आने के साथ उनके संरक्षण में भड़की हिंसा में बिखरता हुआ दिखाई दे रहा है।जब मैं कल बंगाल आया था, तब तक हमारे 9 कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या की गई थी लेकिन अब ये आंकड़ा बढ़ कर 14 तक पहुँच गया है। मुझे नहीं पता कि ये सिलसिला कहाँ जाकर रुकेगा। मैं इतना जरूर स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि भारतीय जनता पार्टी पूरी दृढ़ता के साथ बंगाल के हर भाजपा कार्यकर्ता के साथ खड़ी है। हम अपने सभी कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाते हुए ये लड़ाई बंगाल के सभी नागरिकों के लिए लड़ेंगे ताकि वे स्वाभिमान और इज्जत के साथ निर्भय होकर अपना जीवन यापन कर सकें। यही भाजपा का लक्ष्य है। हम इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक ले जायेंगे।
श्री नड्डा ने मीडिया से निवेदन करते हुए कहा कि मीडिया आज सुबह के हमारे शपथ पत्र में हाईलाईट किये गए मुद्दों पर जरूर गौर करे।बंगाल की जनता ने हमें 77 विधायक और लगभग 38% वोट देते हुए विपक्ष की बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। हम बंगाल की भलाई और बंगाली अस्मिता की रक्षा के लिए कटिबद्ध होकर काम करते हुए रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभायेंगे।ममता दीदी, आपके हाथ अपने ही राज्य के लोगों के खून से सने हुए हैं।बंगाल में जो कुछ भी हो रहा है, वह निश्चित रूप से स्टेट स्पांसर्ड अटैक है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा किपिछले दो दिनों से ह्यूमन राइट्स के सभी तथाकथित स्वयंभू चैम्पियंस में पता नहीं, कौन सी चुप्पी छा गई है, उनके मुंह से कुछ निकल ही नहीं रहा। ये सेलेक्टिव ह्यूमन राइट्स की लड़ाई लड़ते हैं क्या? शर्म आनी चाहिए ह्यूमन राइट्स के ऐसे चैम्पियंस पर!विपक्षी पार्टियों की ओर से भी बंगाल में जारी हिंसा के तांडव पर कोई स्टेटमेंट नहीं आया है।यह केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी है जो अपनी स्थापना के समय से ही अपने स्टैंड पर कायम रहते हुए, मानवता के धर्म को सर्वोपरि मानते हुए ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास‘ के मंत्र के आधार पर काम कर रही है।
श्री नड्डा ने कहा किचुनाव परिणाम आते ही हमारे केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पुनः एक बार ममता बनर्जी जी को चिट्ठी लिखी है कि आप बंगाल के किसानों की सूची भेजें ताकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का फायदा जल्द से जल्द मिल सके। हम किसानों के कल्याण के लिए कटिबद्ध हैं। मैं यह भी चाहूंगा कि ममता दीदी को सद्बुद्धि आये और वे आयुष्मान भारत योजना को बंगाल में भी लागू करेंगे। हम बंगाल की जनता की सेवा से रत्ती भर भी पीछे नहीं हटेंगे।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा किआज मैं बहुत पीड़ा में हूँ। मैं पुनः इस बात को दोहराना चाहता हूँ कि ममता दीदी की संस्कृति, बंगाल की संस्कृति नहीं है। न उनकी भाषा से बंगला की महान संस्कृति परिलक्षित होती है, न ही उनके कृतित्व से। आज महर्षि अरविंदो, गुरुवर रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बंकिम बाबू को कैसा लगता होगा?ममता दीदी ने बंगाल को कहाँ से कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है।हिंसा और लूटपाट की ये तस्वीरें दिल दहलाने वाली हैं। दीदी, भारतीय जनता पार्टी लड़ना जानती है। हम इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक पहुंचा कर रहेंगे।एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने ममता दीदी पर हमला करते हुए कहा कि ममता दीदी की सोच बहुत छोटी है। 24 घंटे भी नहीं हुए उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते हुए और वह फिर से विभाजनकारी राजनीति पर उतर आई। मुझे बंगाल ने 77 विधायक दिए हैं, मैं लड़ कर दिखाउंगा।ममता दीदी ने लोकतंत्र का मजाक बना कर रख दिया है।
महेंद्र पांडेय
(कार्यालय सचिव)