जे पी नड्डा के बारे में
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने विभिन्न स्तरों पर महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए पार्टी की सेवा की है। वह हिमाचल प्रदेश से संबंध रखते हैं। उनका जन्म 2 दिसंबर 1960 को डॉ नारायण लाल नड्डा और स्वर्गीय श्रीमती कृष्णा नड्डा के घर हुआ था। उनका विवाह 11 दिसंबर 1991 को डॉ मल्लिका नड्डा से हुआ था, जो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर थीं। उन्होंने छात्र जीवन के दौरान एबीवीपी में शामिल होकर हिमाचल प्रदेश और बिहार में छात्र राजनीति में कदम रखा।
शुरूआती जीवन
वह 2 दिसंबर, 1960 को एक ब्राह्मण परिवार में, डॉ. नारायण लाल नड्डा और श्रीमती कृष्णा नड्डा के घर पैदा हुए थे। उन्होंने पटना के सेंट जेवियर्स स्कूल से पढाई की। इसके बाद उन्होंने पटना कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय से बी.ए. किया और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से एलएलबी की डिग्री हासिल की। अपने बचपन में उन्होंने दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय जूनियर तैराकी चैम्पियनशिप में बिहार राज्य का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 11 दिसंबर 1991 को डॉ. मल्लिका नड्डा से शादी की। अब इनके दो बेटे हैं। पूर्व लोकसभा सांसद, श्रीमती जयश्री बनर्जी उनकी पत्नी की मां हैं।
उन्होंने 1975 में आपातकाल के दौरान जय प्रकाश नारायण द्वारा शुरू किए गए संपूर्ण क्रांति आंदोलन में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश किया। वह पटना विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के दौरान एबीवीपी में शामिल हुए और जोर शोर से छात्र सक्रियता में भाग लिया। वह, 1977 में, एबीवीपी की तरफ से पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव के रूप में चुने गए।
पटना विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद, उन्होंने हिमाचल विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक (एलएलबी) की डिग्री पूरी की। 1987 में, राष्ट्रीय संघर्ष मोर्चा बनाकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के खिलाफ सरकार विरोधी अभियान चलाने के लिए उन्हें 45 दिनों की हिरासत का सामना करना पड़ा। वर्ष 1989 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान, सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में भाजपा की युवा शाखा के चुनाव प्रभारी के रूप में उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई।
इसके ठीक तीन साल बाद 1991 में, उन्हें मात्र 31 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया। जिसके बाद उन्होंने अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश से तीन बार विधानसभा चुनाव जीता।
वह हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य सचिव की जिम्मेदारी भी निभाई। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाला था।
संभाले गए पद
1993-1998,1998 – 2003 और 2007 – 2012 तक तीन कार्यकालों के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में कार्य किया।
1994 – 1998 तक हिमाचल प्रदेश विधान सभा में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी विधायी समूह के नेता के रूप में कार्य किया।
1998 – 2003 तक हिमाचल प्रदेश सरकार में, उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में कार्य किया।
इसके अलावा, 2008 – 2010 तक हिमाचल प्रदेश सरकार के वन, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में भी उन्होंने कार्य किया।
वह अप्रैल 2012 में राज्यसभा के लिए चुने गए।
मई 2012 से वह परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य के रूप में कार्यरत रहे।
अगस्त 2012 के बाद से वह न्यायालय, दिल्ली विश्वविद्यालय के सदस्य, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संसदीय स्थायी समिति के सदस्य रहे।
श्री नड्डा मई 2013 से विशेषाधिकार संबंधी संसदीय स्थायी समिति के सदस्य के रूप में कार्यरत रहे।
श्री नड्डा 2014 में राज्यसभा के लिए चुने गए।
2014 से 2019 तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहे।
2019 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त हुए।
श्री नड्डा को 2020 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया।