हमने एक और बार राहुल गांधी के रिलॉन्च की असफल कोशिश ‘आरजी रिलॉन्च प्रोजेक्ट‘ का विफल संस्करण देखा। हमेशा की तरह इस बार भी राहुल गाँधी तथ्यों के मामले में ‘कमजोर‘ और ‘कीचड़ उछालने‘ के अपने प्रयास में मजबूत दिखे।
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हाल के वर्षों में, चाहे वो डोकलाम हो या वर्तमान संकट, राहुल गाँधी भारतीय सशस्त्र बलों पर विश्वास करने की बजाय चीन की ओर से दी गई जानकारी में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं। क्यों एक परिवार भारत को कमजोर और चीन को मजबूत देखना चाहता है?
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देश में एक खानदान ऐसा है जो वर्षों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की छवि को धूमिल करने की कोशिश करने में लगा है, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया है। जो उन्हें बर्बाद करना चाहते हैं, वे अपनी पार्टी को तबाह करके ही दम लेंगे।
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1950 के दशक से ही चीन ने ‘एक राजवंश’ में रणनीतिक निवेश किया है जिसने उसे पूरा–पूरा लाभांश भी मिला है चाहे 1962 में UNSC की सीट गंवाना हो, यूपीए के काल में चीन के हाथों जमीन का बड़ा हिस्सा गंवा देना हो, कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच करार हो या राजीव गांधी फाउंडेशन को फंड दिलवाना हो।
राहुल गाँधी द्वारा देश की विदेश नीति और सुरक्षा के मामलों में किया जा रहा राजनीतिकरण कांग्रेस के राजवंश की हताशा को दर्शाता कि वह किस तरह 1962 के पाप को धोना चाहता है और देश को कमजोर करना चाहता है।
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कांग्रेस में भी कई नेता एक ‘राजवंश’ के छल को नापसंद करते हैं। कांग्रेस के कई नेताओं ने एक परिवार के राजवंश को अस्वीकार कर दिया है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज सोमवार को ट्वीट के जरिये कांग्रेस नेता राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी के एक परिवार की नकारात्मक राजनीति को एक्सपोज करते हुए एक के बाद एक कई हमले किये और उनसे कुछ ज्वलंत प्रश्न पूछे।
राहुल गाँधी द्वारा देश को बदनाम करने के लिए दिए गए झूठे बयानों पर बड़ा हमला करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हमने एक और बार राहुल गांधी के रिलॉन्च की असफल कोशिश ‘आरजी रिलॉन्च प्रोजेक्ट‘ का विफल संस्करण देखा। हमेशा की तरह राहुल गाँधी तथ्यों से परे लेकिन राष्ट्र को बदनाम करने में तत्पर दिखे। हमेशा की तरह इस बार भी वे तथ्यों के मामले में ‘कमजोर‘ और ‘कीचड़ उछालने‘ के अपने प्रयास में मजबूत दिखे। उनकी ये आदत हम लगातार देखते आ रहे हैं। लगातार राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी की ओर से देश की विदेश नीति और सुरक्षा के मामलों का राजनीतिकरण किया जा रहा है। ये कांग्रेस के राजवंश की हताशा को दर्शाता कि वह किस तरह 1962 के पाप को धोना चाहता है और देश को कमजोर करना चाहता है।
कांग्रेस पर हमले की धार को और तेज करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि 1950 के दशक से ही चीन ने ‘एक राजवंश’ में रणनीतिक निवेश किया है जिसने उसे पूरा–पूरा लाभांश भी मिला है चाहे 1962 में UNSC की सीट गंवा देना हो, यूपीए के काल में चीन के हाथों जमीन का बड़ा हिस्सा गंवा देना हो, 2008 में यूपीए के समय बहुत धूमधाम से एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाना हो, राजीव गांधी फाउंडेशन को फंड दिलवाना हो या फिर आर्थिक मोर्चे पर लाभ पहुंचाना हो या और भी बहुत कुछ।
राहुल गाँधी पर हमला जारी रखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हाल के वर्षों में, चाहे वो डोकलाम हो या वर्तमान संकट, राहुल गाँधी भारतीय सशस्त्र बलों पर विश्वास करने की बजाय चीन की ओर से दी गई जानकारी में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं। क्यों एक परिवार भारत को कमजोर और चीन को मजबूत देखना चाहता है? कांग्रेस में भी कई नेता इस एक राजवंश के छल को नापसंद करते हैं। कांग्रेस में ही कई नेताओं ने एक परिवार के राजवंश को अस्वीकार कर दिया है।
श्री नड्डा ने कहा कि देश में एक खानदान ऐसा है जो वर्षों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की छवि को धूमिल करने की कोशिश करने में लगा है, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया है। उस राजवंश के लिए दुख की बात यह है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का 130 करोड़ भारत वासियों के साथ सीधा संपर्क है और जनता के साथ उनका जुड़ाव बहुत गहरा है। प्रधानमंत्री जी देश की 130 करोड़ जनता के लिए जीते हैं और उन्हीं के कल्याण के लिए काम करते हैं। जो उन्हें बर्बाद करना चाहते हैं, वे अपनी पार्टी को तबाह करके ही दम लेंगे।