Press Release

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी के “बलिदान दिवस” पर दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

Accessibility

Date: 23/06/2019



भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज दिल्ली स्थित शहीदी पार्क और भाजपा केंद्रीय कार्यालय में स्वर्गीय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के ‘बलिदान दिवस’ पर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर श्री नड्डा ने कहा कि यह श्रद्धांजलि महज उनके द्वारा अपने जीवन में किये गए कार्यों के लिए श्रद्धांजलि नहीं बल्कि इस श्रद्धांजलि के साथ-साथ हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेने की भी आवश्यकता है।

श्री नड्डा ने कहा कि डॉ मुखर्जी प्रखर राष्ट्रवाद, दूरदृष्टा, दिशा देने वाले और नदी का मुख मोड़ने वाले हमारे नेता थे। श्री नड्डा ने डॉ मुखर्जी की जीवन यात्रा का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि उनमें देश की समस्याओं से जूझने की उत्कट इच्छा शक्ति थी जिसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने सबसे पहले शिक्षा में खुद को समर्पित किया।  हम सबों के लिए सौभाग्य की बात है कि जनसंघ का नेतृत्व करने वाले हमारे नेता डॉ मुखर्जी एक प्रखर शिक्षाविद भी थे और मात्र 33 वर्ष की अवस्था में कलकत्ता विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर बनने वाले विश्व के सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने। श्री नड्डा ने कहा की डॉ मुखर्जी किसी पद के मोहताज नहीं बल्कि देश सेवा ही उनका परम लक्ष्य था।

श्री नड्डा ने कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री पर निशाना साधते कहा कि श्री जवाहर लाल नेहरु ने डॉ मुखर्जी को अंतरिम सरकार में मंत्री पद दिया लेकिन नेहरु की तुष्टिकरण की नीति और नेहरु-लियाकत अली पैक्ट के विरोध में अपना इस्तीफा दे दिया तथा देश की एकता, अखंडता के लिए उन्होंने अपने को समर्पित कर दिया।  डॉ मुखर्जी ने पूरी दृढ़ता के साथ कहा था भारत के तिरंगे का सम्मान होना चाहिए और एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे।

श्री नड्डा ने कहा की 23 जून 1953 को डॉ मुखर्जी की जिस प्रकार संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई, उससे पूरे देश में कोहराम मच गया और देश की जनता उस समय प्रश्न करने लग गयी कि जब डॉ मुखर्जी अच्छी सेहत की स्थिति में जम्मू में प्रवेश किए थे तो एक माह के अन्दर आखिर उनकी जीवन लीला कैसे समाप्त हो गयी? पूरे देश ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच की मांग की, लेकिन पंडित नेहरू ने जांच के आदेश नहीं दिये, इतिहास इस बात का गवाह है। श्री नड्डा ने कहा कि डॉ मुखर्जी का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा।  भारतीय जनता पार्टी इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि उनकी मौत के कारणों का पता लगाकर रहेगी।

श्री नड्डा ने कहा कि डॉ मुखर्जी के बलिदान के कारण ही आज जम्मू कश्मीर से परमिट सिस्टम समाप्त हुआ और तिरंगा अपने पूरे शान के साथ जम्मू-कश्मीर में लहरा रहा है, सुप्रीम कोर्ट और सीएजी के अधिकार क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर आया और उन्हीं के बलिदान का परिणाम है कि जम्मू-कश्मीर आज देश की मुख्य धारा में शामिल है।  इस एजेंडे को हमेशा हमें याद रखना है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस एजेंडे को आगे बढ़ा रही है और हम पूरी ताकत के साथ जम्मू-कश्मीर के विषय को लेकर आगे बढ़े हैं। डॉ मुखर्जी का बलिदान भारतीय जनता पार्टी के हर कार्यकर्ताओं और देश के युवाओं के लिए अदम्य प्रेरणा का अक्षय स्रोत है। डॉ मुखर्जी ने अपने जीवन में जो कार्य किये वो उस समय से बहुत आगे के थे। देश डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को सदैव स्मरण करता रहेगा।

 

          (महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

Back to Top