सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मामले में ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है
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आर्थिक मोर्चे पर भारत का यह लाजवाब प्रदर्शन और सुनहरे भविष्य का संकेत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की आर्थिक सुधार की नीतियों व प्रभावी कार्यान्वयन का ही परिणाम है
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2024 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है और इस लिहाज से भारत का पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनना प्रधानमंत्री जी के इस सपने को पूरा करने की दिशा में काफी अहम है
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यह देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। ये आंकड़े काफी मायने रखते हैं और ये आगे की दिशा और हमारी नीतियों को भी तय करने में मदद करते हैं। इसका निवेश में भी सकारात्मक असर देखने को मिलेगा
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भारत ने क्रय शक्ति समानता में वृद्धि के साथ सभी क्षेत्रों में जबरदस्त ग्रोथ हासिल की है जो कि सरकार के दूरदर्शी कदमों और विकासोन्मुखी बजट के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है
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विश्व की तमाम आर्थिक संगठनों की रिपोर्ट में अगले एक दशक में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर दिखाया गया है
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कई प्रतिष्ठित आर्थिक रेटिंग एजेंसियों ने माना है कि आत्मनिर्भर बनने की पहले की पॉलिसी से भारत अब आगे बढ़ गया है और वह एक ओपन मार्केट वाली अर्थव्यवस्था के रूप में डेवलप हो रहा है
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया‘ इनिशिएटिव के बल पर भारत अब विश्व का नया मैन्युफेक्चरिंग हब बनने की दिशा में भी तेज गति से अग्रसर है
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पिछले छः वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘न्यू इंडिया’ की नींव रखने का काम किया है ताकि भारत विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन सके
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सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मामले में ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। आर्थिक मोर्चे पर भारत का यह लाजवाब प्रदर्शन और सुनहरे भविष्य का संकेत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की आर्थिक सुधार की नीतियों व प्रभावी कार्यान्वयन का ही परिणाम है।
इससे पहले 2018 में वर्ल्ड बैंक की वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने फ्रांस को सातवें पायदान पर पीछे छोड़ते हुए छठा पायदान हासिल किया था। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2019 में ब्रिटेन को पीछे धकेल कर भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च के 2018 वर्ल्ड इकॉनिक लीग टेबल ने भी जल्द ही भारत के पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में प्रतिष्ठित होने की भविष्यवाणी की थी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2024 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है और इस लिहाज से भारत का पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनना प्रधानमंत्री जी के इस सपने को पूरा करने की दिशा में काफी अहम है। यह देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। ये आंकड़े काफी मायने रखते हैं और ये आगे की दिशा और हमारी नीतियों को भी तय करने में मदद करते हैं। इसका निवेश में भी सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।
कई प्रतिष्ठित आर्थिक रेटिंग एजेंसियों ने माना है कि आत्मनिर्भर बनने की पहले की पॉलिसी से भारत अब आगे बढ़ गया है और वह एक ओपन मार्केट वाली अर्थव्यवस्था के रूप में डेवलप हो रहा है। हाल में ही अमेरिका के रिसर्च इंस्टीट्यूट वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) लगभग 2,940 अरब डॉलर को पार कर गई है। वर्तमान में ब्रिटेन का सकल घरेलू उत्पाद 2830 अरब डॉलर का है जबकि फ्रांस की अर्थव्यवस्था का आकार 2710 अरब डॉलर का है। क्रय शक्ति समता (PPP) के आधार पर भारत की GDP 10,510 अरब डॉलर है जो जापान और जर्मनी से भी ज्यादा है हालांकि अधिक जनसंख्या के चलते भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी कुछ कम है। भारत ने क्रय शक्ति समानता में वृद्धि के साथ सभी क्षेत्रों में जबरदस्त ग्रोथ हासिल की है जो कि सरकार के दूरदर्शी कदमों और विकासोन्मुखी बजट के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।
विश्व की तमाम आर्थिक संगठनों की रिपोर्ट में अगले एक दशक में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर दिखाया गया है।लंदन स्थिति कंसल्टंसी फर्म “सेंटर फॉर इकनॉमिक्स ऐंड बिजनस रिसर्च” ने भी कहा है कि GDP के लिहाज से भारत ब्रिटेन और फ्रांस दोनों को पीछे छोड़ कर 2032 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ीआर्थिक ताकत बन जाएगा।आई एम एफ का कहना है कि यदि भारत आर्थिक और कारोबार सुधारों की प्रक्रिया को वर्तमान की तरह निरंतर जारी रखता है तो वर्ष 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।इसी तरह विश्वविख्यात ब्रिटिश ब्रोकरेज कंपनी हांग कांग एंड शंघाई बैंक कार्पोरेशन (एचएसबीसी) नेअपनीअध्ययन रिपोर्ट में कहा है कि अब भारत में आॢथक सुधारों के कारणअर्थव्यवस्था का प्रभावी रूप दिखाई दे रहा है औरवर्ष 2028 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। शेयर बाजार ने 40,000 के लक्ष्यांक को पार कर लिया है, विदेशी मुद्रा भंडार अपने रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर है और जी डी पी में प्रत्यक्ष कर का योगदान भी बढ़ा है।
देश ने कांग्रेस की सरकार के समय एक दौर ऐसा भी देखा है जब अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में भारत को ‘फ्रेजाइल फाइव’ की श्रेणी में रखा गया था मतलब भारत के लिए खुद कीअर्थव्यवस्था तो एक समस्या थी ही, बल्कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था की रिकवरी में भी बाधा बन रही थी।इसके ठीक विपरीत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत पहली बार विश्वकी सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया‘ इनिशिएटिव के बल पर भारत अब विश्व का नया मैन्युफेक्चरिंग हब बनने की दिशा में भी तेज गति से अग्रसर है। प्रख्यात वैश्विक शोध संगठन स्टैटिस्टा और डालिया रिसर्च द्वारा मेड इन कंट्री इंडैक्स 2016 में उत्पादों की साख के अध्ययन के आधार पर कहा गया है कि गुणवत्ता के मामले में मेड इन इंडिया मेड इन चाइना से आगे है। इतना ही नहीं, मोदी सरकार के अथक प्रयासों के कारण भारत निर्माण उद्योग के क्षेत्र में भी अच्छा कर रहा है। पिछले छः वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘न्यू इंडिया’ की नींव रखने का काम किया है ताकि भारत विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन सके। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आर्थिक सुधारों ने देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में आगे बढाया है। इंडस्ट्री को नियंत्रण मुक्त बना गया है, विदेशी व्यापार और इन्वेस्टमेंट पर नियंत्रकिया गया है और साथ ही पब्लिक सेक्टर की कंपनियों वे भी विनिवेश को एक सीमा तक मंजूरी दी गई है। जीएसटी से टैक्स का सरलीकरण हुआ है। जीएसटी कलेक्शन लगातार बढ़ रहा है और लगातार तीसरे माह में जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
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