Press Release

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रवक्ता श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य के मुख्य बिन्दु

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Date: 11/07/2011



 रेल दुर्घटनाएं

गत् दिवस जो दो रेल दुर्घटनाएं घटित हुई हैं, इस दुर्घटना से प्रभावित परिवारों के प्रति भाजपा संवेदना व्यक्त करती है और रेलवे की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करती है। भाजपा मानती है कि यूपीए । और यूपीए ॥ के कार्यकाल में गठबंधन राजनीति और मंत्रियों के गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण रेल मंत्रालय की स्थिति अनाथ जैसी हो गई। यूपीए । के दौरान रेल मंत्री श्री लालू प्रसाद यादव ने आधुनिकिकरण के साथ-साथ रेलवे के भारी मुनाफे की जानकारी दी थी। वे मैनेजमेंट गुरू भी बने। लेकिन ममता बनर्जी ज्यों ही रेल मंत्री बनीं उन्होंने श्री लालू प्रसाद यादव के सारे दावों की हवा निकाल दी। यूपीए सरकार के दोनों कार्यकाल में रेलवे के साथ जो मजाक हुआ है वह रेलवे और रेल यात्रियों, दोनों के लिए असहनीय है।

एनडीए के कार्यकाल में जस्टिस एच आर खन्ना के नेतृत्व में गठित रेलवे सेफ्टी रिव्यू कमेटी ने रेलवे सुरक्षा के लिए 15,000 करोड़ रुपये की सिफारिश की थी। श्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने दो हजार करोड़ अतिरिक्त रकम के साथ रेलवे सुरक्षा के लिए 17,000 करोड़ रुपये का फंड रेलवे को आवंटित कराया। सुरक्षा संबंधी आधारभूत सुविधाओं के तहत  17,000 किमी ट्रैक को पुनर्नवीकृत करने, तीन हजार ब्रीज के पुनर्निर्माण तथा लगभग 950 स्टेशन के सिगनलिंग गियर्स को बदलने की योजना थी। दुख की बात यह है कि मैनेजमेंट गुरू ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन अहम बिंदुओं को निरस्त कर दिया। वहीं, रेल मंत्री के तौर पर  ममता बनर्जी विजन 20:20 लेकर आईं लेकिन उनका ही विजन कहीं और था।

हमारा आरोप है कि आज जो भारतीय रेल की बदतर स्थिति हुई है, वह दीर्घकालीन योजना के अभाव में हुई है और प्रधानमंत्री इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। 2जी स्पेक्ट्रम का घोटाला एक सहयोगी दल का मामला (एलाई अफेयर) है जिसमें लाखो-करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान देश को हुआ। सहयोगी दल मामले की शिकार रेलवे भी हुई है जिसमें कई निर्दोष यात्रियों को अपनी जान गवांनी पड़ी है। गठबंधन का मतलब यह तो नहीं कि इसकी बिसात पर लाखों लोगों की जान ले ली जाए। गौरतलब है कि रेलवे में सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण एक लाख से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं।

हमारा मानना है कि वर्तमान में रेल विभाग लावारिस, अनाथ और बिना देखरेख वाला हो चुका है। अत: शीघ्र ही रेलवे पर ध्यान दिया जाए और एनडीए के समय जो सेफ्टी फंड लागू हुआ था, उसे पुन: कार्यान्वित किया जाए।

तेलंगाना मामला

तेलंगाना मामले में कांग्रेस के 9 सांसद और 46 विधायक इस्तीफ दे चुके हैं। इस इस्तीफे को स्वीकार करना स्पीकर की जिम्मेदारी बनती है लेकिन स्पीकर ने अब तक इस पर कार्यवाही नहीं की है, उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। विकास को ध्यान में रखते हुए एनडीए के समय झारखंड, उत्तारांचल और छत्ताीसगढ़ जैसे राज्य पुनर्गठित हुए। दरअसल कांग्रेस तेलंगाना विषय पर कतई गंभीर नहीं है और वह इस पर राजनीति कर रही है। यदि 9 सांसदों और 46 विधायकों का इस्तीफा मंजूर नहीं हो रहा है तो क्यों, भाजपा इसका कारण जानना चाहती है। 

यूपीए का कैबिनेट फेरबदल

शीघ्र ही यूपीए कैबिनेट में फेरबदल होने की संभावना है। इस समय भ्रष्टाचार की परिस्थिति तिहाड़ की ओर अग्रसर है। यूपीए के कई मंत्री तिहाड़ में हैं और कई उस राह में हैं। प्रधानमंत्री ईमानदार कहलाते हैं लेकिन उनका कबिना बिल्कुल दागदार है। अत: कैबिनेट में फेरबदल होती है तो इसके लिए कॉस्मेटिक सर्जरी के बजाय गहरी सर्जरी की आवश्यकता है। भाजपा का मानना है कि गृह मंत्री और मानव संसाधन मंत्री, दोनों मंत्रियों को कैबिनेट से हटा दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री के इरादे और उनके उद्देश्य कैबिनेट के फेरबदल से ही निर्धारित होगा।

(ओ0पी0कोहली)
मुख्यालय प्रभारी
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