भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज काबुल से वापस लौटे भारतीय नागरिकों एवं अफगान भाइयों का दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वागत किया और गुरु ग्रंथ साहिब के सरूप को अपने सिर पर रख कर गुरुद्वारे पहुंचे
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की ओर से मुझे हमारे भारतीय नागरिकों और हमारे अफगान भाइयों, जिनमें अफगान हिंदू सिख समुदाय के सदस्य भी शामिल हैं, का भारत में स्वागत करते हुए अपार खुशी हो रही है।
गुरु ग्रंथ साहिब के दो सरूप और प्राचीन हिंदू शास्त्रों और पांडुलिपियों के स्वरूप को प्राप्त करना बहुत ही गौरव और सम्मान की बात है।
आज काबुल से दिल्ली आए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी, श्रीमद्भगवद्गीता और श्री रामचरितमानस के पवित्र स्वरूपों को पाकर धन्य महसूस कर रहा हूँ।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार हमारे धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संरक्षण के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री जगत प्रकाश नड्डा आज अफ़ग़ानिस्तान से वापस लौटे भारतीय नागरिकों और अफगान भाइयों, जिनमें अफगान हिंदू-सिख समुदाय के सदस्य भी शामिल हैं, का दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वागत किया और गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए अपने सिर पर रखकर एयरपोर्ट से बाहर लेकर आए।
इस सुखद अवसर पर माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की ओर से मुझे हमारे भारतीय नागरिकों और हमारे अफगान भाइयों, जिनमें अफगान हिंदू सिख समुदाय के सदस्य भी शामिल हैं, का भारत में स्वागत करते हुए अपार खुशी हो रही है। गुरु ग्रंथ साहिब के दो सरूप और प्राचीन हिंदू शास्त्रों और पांडुलिपियों की प्रतियाँ प्राप्त करना बहुत ही गौरव और सम्मान की बात है।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज काबुल से दिल्ली आए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी, श्रीमद्भगवद्गीता और श्री रामचरितमानस के पवित्र स्वरूपों को पाकर धन्य महसूस कर रहा हूँ। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार हमारे धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संरक्षण के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
ज्ञात हो कि इस जत्थे में भारत आने वाले कुल 104 सदस्य हैं जिनमें 10 भारतीय नागरिक हैं. यह बेहद गर्व की बात है कि अफगानिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारों में रखे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की प्रतियों के साथ साथ काबुल के असमाया मंदिर से श्रीमद्भागवत गीता, श्री रामचरित मानस और अन्य हिंदू पवित्र ग्रंथों और दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रतियां भी आज एक विशेष उड़ान से सिख संगत और हिंदू भक्तों द्वारा वापस भारत लाई गई हैं।
इससे पूर्व अगस्त माह में अफगान मूल के हिंदू और सिख समुदाय के नागरिक भारत पहुंचे थे और इन नागरिकों के साथ ही अफगानिस्तान के तीन अलग-अलग गुरुद्वारों में रखी गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां भी उसी जहाज से भारत पहुंची थीं।
महेंद्र कुमार
(कार्यालय सचिव)