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भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा प्रदेश भाजपा कार्यालय, चंडीगढ़ में धारा 370 के उन्मूलन विषय पर आयोजित विशाल जन-जागरण कार्यक्रम में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

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Date: 30/09/2019



धारा 370 के समाप्त होने से जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार खत्म होगा और विकास के लिए ऐतिहासिक अवसर के द्वार खुलेंगे।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने धारा 370 खत्म कर जम्मू-कश्मीर को सच्चे अर्थों में भारत का अभिन्न अंग बनाया है। पूरी दुनिया इस फैसले पर हिंदुस्तान के साथ एकजुट है और आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है।

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जम्मू-कश्मीर में एक-एक करके भ्रष्टाचारियों की पोल खुल रही है और देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त अलगाववादी जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाए जा रहे है

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यह मोदी सरकार है जहां भ्रष्टाचारियों और अलगाववादियों का एकमात्र ठिकाना जेल है।

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राहुल गाँधी जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए धारा 370 की समाप्ति पर अपने देश को ही कठघरे में खड़ा करते हैं और उनके बयानों का उपयोग पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के खिलाफ अपनी दलीलों में करता है। यही इनकी देशभक्ति है

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हमारे संविधान निर्माता धारा 370 के खिलाफ थे और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर साहब ने बाकायदा संविधान सभा में इसकी खिलाफत की थी

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पंडित नेहरू और शेख अब्दुल्ला के बीच में हुआ ‘दिल्ली अकॉर्ड’ भारतीय संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ था। यह समझौता न तो हस्ताक्षरित था और न ही संवैधानिक

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धारा 370 और 35 (A) को हटाने का फैसला राष्ट्रहित में लिया गया है। इस फैसले से देश के हर नागरिक के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की पूरी आवाम खुश है

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सरदार पटेल के नेतृत्व में 600 से अधिक राजे-रजवाड़ों का विलय भारतवर्ष में हुआ और कोई समस्या नहीं हुई जबकि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी ली जिसके कारण आज तक जम्मू-कश्मीर में समस्या बनी रही।

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भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज प्रदेश भाजपा कार्यालय, चंडीगढ़ में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 (A) के उन्मूलन विषय पर विशाल जन-जागरण कार्यक्रम को संबोधित किया और मोदी सरकार के इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए इसे जम्मू-कश्मीर के लिए विकास का द्वार खोलने वाला बताया। ज्ञात हो कि धारा 370 की समाप्ति से देश को अवगत कराने और जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए देशवासियों से एकजुट होने की अपील करने हेतु भारतीय जनता पार्टी 01 सितंबर 2019 से 30 सितंबर 2019 तक पूरे देश में व्यापक जनसंपर्क एवं जनजागरण अभियान आयोजित कर रही है।

श्री नड्डा ने कहा कि धारा 370 के समाप्त होने से जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार खत्म होगा और विकास के लिए ऐतिहासिक अवसर के द्वार खुलेंगे। जम्मू-कश्मीर में एक-एक करके भ्रष्टाचारियों की पोल खुल रही है और देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त अलगाववादी जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाए जा रहे हैं। यह मोदी सरकार है जहां भ्रष्टाचारियों और अलगाववादियों का एकमात्र ठिकाना जेल है।

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि ये गलत धारणा है कि धारा 370 जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देता है। यह एक ऐतिहासिक झूठ है जबकि संविधान में धारा 370 के बारे में स्पष्ट उल्लेखित है कि यह टेंपररी और ट्रांजिशनल है और यह कोई स्थायी प्रावधान नहीं है। यहाँ यह बात ध्यान देने वाली है कि हमारे संविधान निर्माता धारा 370 के खिलाफ थे और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर साहब ने बाकायदा संविधान सभा में इसकी खिलाफत की थी। उनका स्पष्ट मानना था कि भारत जम्मू-कश्मीर की सीमाओं की तो सुरक्षा करे, उसका भरण-पोषण तो करे, कनेक्टिविटी और डिफेंस की देखभाल तो करे लेकिन भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में अधिकार न मिले, यह अमान्य है और इसका समर्थन नहीं किया जा सकता। इसे लागू करते वक्त कहा गया था कि धारा 370 का प्रावधान अस्थायी होगा और चरणबद्ध तरीके से भारत की सभी धाराओं को जम्मू-कश्मीर में लागू किये जाने के प्रावधान किये जायेंगे।

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि 1951 में जब पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह से लागू नहीं हुआ था और पहली बार जम्मू-कश्मीर में विधान सभा के चुनाव हो रहे थे तो शेख अब्दुल्ला के दबाव में प्रजा परिषद् के सभी उम्मीदवारों के फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया गया और शेख अब्दुल्ला की पार्टी के 73 उम्मीदवार बिना कंटेस्ट के चुन कर विधान सभा पहुँच गए। दो और कंटेस्ट के फॉर्म को रिजेक्ट कर फिर से उनका इलेक्शन हुआ और इस तरह 75 के 75 विधायक एक ही पार्टी के हो गए। 75 सीटों के दंभ में आकर शेख अब्दुल्ला ने 75 विधायकों वाली विधान सभा को ही जम्मू-कश्मीर के संविधान सभा और संप्रभु निकाय की संज्ञा दे दी। इसके खिलाफ 1951 से 1954 तक आंदोलन चला। हजारों लोगों की गिरफ्तारी हुई। कई लोग शहीद हुए और हमारे पूज्य डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने देश की एकता, अखंडता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इसके बाद पंडित नेहरू और शेख अब्दुल्ला के बीच में हुआ ‘दिल्ली अकॉर्ड’ भारतीय संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ था। यह समझौता न तो हस्ताक्षरित था और न ही संवैधानिक। इसके अनुसार यह निर्णय लिया गया कि जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान होगा। संसद के कानून जब तक जम्मू-कश्मीर की विधान सभा से पारित नहीं होगा, तब तक जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होगा। इसके कारण एक ही देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान की नींव पड़ी। हालांकि हमारे संविधान निर्नाताओं ने आर्टिकल 370 में 1D का क्लॉज जोड़ा और इसके प्रावधानों को ख़त्म करने का अधिकार राष्ट्रपति को दिया गया। उन्होंने कहा कि धारा 370 और 35 (A) के कारण जम्मू-कश्मीर आतंकवाद तथा अलगाववाद पनपा और भ्रष्टाचार चरम सीमा तक पहुँच गया इसलिए यह आवश्यक हो गया था कि इसे ख़त्म किया जाय।

श्री नड्डा ने कहा कि आजादी के 70 सालों से हम देश में एक विधान, एक प्रधान और एक निशान का सपना लेकर चल रहे थे लेकिन इस सपने को हकीकत में बदलते हुए धारा 370 को धाराशायी करने का ऐतिहासिक कार्य किया प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने। उन्होंने कहा कि धारा 370 और 35 (A) के हटते ही अब देश में एक विधान, एक प्रधान, एक संविधान और एक निशान तय हो गया। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति, केंद्रीय गृह मंत्री एवं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी की कुशल रणनीति और इसके प्रति देश की जनता के अपार समर्थन के बल पर संभव हुआ है। धारा 370 और 35 (A) को हटाने का फैसला राष्ट्रहित में लिया गया है। इस फैसले से देश के हर नागरिक के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की पूरी आवाम खुश है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में अब विकास की बयार बहेगी और देश के बनाए गए सभी क़ानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू होंगे। अपने अधिकारों से वंचित गुर्जर, बकरवाल और वाल्मीकि समुदाय के लोगों को भी उनका हक़ मिलेगा। विधान सभा और लोक सभा की कुछ सीटें भी आरक्षित होंगी और वर्षों से मतदान के अधिकार से वंचित लोगों को उनका अधिकार मिलेगा।

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि धारा 370 के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को भारत से तोड़ने की साज़िश रची गई थी और इसमें कांग्रेस के नेता शामिल थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने इसे ख़त्म कर जम्मू-कश्मीर को सच्चे अर्थों में भारत का अभिन्न अंग बनाया है। पूरी दुनिया इस फैसले पर हिंदुस्तान के साथ एकजुट है और आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है।

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि देश की आजादी के बाद सरदार पटेल के नेतृत्व में 600 से अधिक राजे-रजवाड़ों का विलय भारतवर्ष में हुआ लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी ली और आज तक जम्मू-कश्मीर में समस्या बनी हुई है।

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गाँधी जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए धारा 370 की समाप्ति पर अपने देश को ही कठघरे में खड़ा करते हैं और उनके बयानों का उपयोग पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के खिलाफ अपनी दलीलों में करता है।

श्री नड्डा ने कहा कि धारा 370 तथा 35 (A) के कारण जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद, आतंकवाद और भ्रष्टाचार अपनी जड़ें गहरी करता चला गया और इसी का परिणाम है कि जम्मू-कश्मीर में आज तक समस्याएं बनी रहीं। आजादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह मंत्री एवं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी की कुशल रणनीति के बल पर पहली बार हमने जम्मू-कश्मीर की समस्याओं के पूर्ण समाधान, राज्य के विकास और वहां रहने वाले लोगों के जीवन-स्तर में सुधार लाने के ठोस प्रयास शुरू किये हैं। धारा 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में एक भी गोली नहीं चली है और न ही इसमें कोई मौत हुई है। हम जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा, समृद्धि और विकास के लिए कृतसंकल्पित हैं।

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