‘नागरिकता संशोधन क़ानून’ पर कांग्रेस सहित विपक्ष के जिम्मेदार राजनीतिक दलों का गैर-जिम्मेदाराना रवैया निराशाजनक और निंदनीय है। ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है
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भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी और कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों द्वारा देश में हिंसा और नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने वाली साजिश का पर्दाफ़ाश करने के लिए आने वाले 10 दिनों में एक ‘देशव्यापी कार्यक्रम’ चलाएगी और हर मंच पर उनके षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करेगी
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यह हमारे लिए ख़ुशी की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और केन्द्रीय गृह मंत्री एवं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी ने ‘नागरिकता संशोधन क़ानून’ को इम्प्लीमेंट कर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये अल्पसंख्यक शरणार्थियों को सम्मान से जिंदगी जीने का अधिकार दिया है
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दरअसल ‘नागरिकता संशोधन कानून’ तो बस एक बहाना है, वास्तव में जनता के द्वारा खारिज कांग्रेस पार्टी इसकी आड़ में वोटबैंक और तुष्टिकरण की तुच्छ राजनीति करना चाहती है
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कांग्रेस और पाकिस्तान की भाषा मिलती-जुलती है। कांग्रेस और पाकिस्तान का यह वैचारिक मेल देश के लिए घातक है। हमें दुगुनी ताकत से कांग्रेस के दोहरे रवैय्ये और ‘नागरिकता संशोधन कानून’ की आड़ में जारी उसके कुचक्र को जनता के सामने बेनकाब करना है
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18 दिसंबर 2003 को श्री मनमोहन सिंह जी ने संसद में तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी से बांग्लादेश जैसे देशों में धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने के लिए ज्यादा उदार प्रक्रिया अपनाने की गुजारिश की थी
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कांग्रेस की सरकार ने पाकिस्तान से आये शरणार्थी हिंदुओं को गुजरात और राजस्थान में बसाने की पहल भी की थी लेकिन आज जब हम धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को अधिकार देने का कानून लेकर आये हैं तो कांग्रेस पार्टी ही इस पर भ्रम और झूठ की राजनीति कर रही है
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1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था जिसके तहत दोनों देशों के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना था लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश में आज 1951 की तुलना में हिंदुओं की संख्या में भारी कमी आई है जबकि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या प्रभावी रूप से बढ़ी है
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भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में ‘नागरिकता संशोधन क़ानून’ विषय पर पार्टी प्रवक्ताओं व पार्टी पदाधिकारियों की एक संगोष्ठी को संबोधित किया और कांग्रेस को ‘नागरिकता संशोधन क़ानून’ पर आड़े हाथों लेते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से देश भर में कांग्रेस को उसके दोहरे रवैये पर बेनकाब करने को कहा।
श्री नड्डा ने कहा कि 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था जिसके तहत दोनों देशों के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना था लेकिन 1951 में पाकिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या 23% से घट कर लगभग 3% पर आ गई जबकि इसी तरह बांग्लादेश में भी हिंदुओं की जनसंख्या 23% से घट कर लगभग 7% तक रह गई। इसके ठीक उलट भारत में अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ी है। पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर काफी संख्या में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी अपनी इज्जत-आबरू बचाने शरणार्थी के रूप में भारत आये। ये वर्षों से भारत को अपनी धरती मान कर रहते आये हैं लेकिन कांग्रेसी सरकारों ने शरणार्थियों के अधिकार की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं किया। यह आज हमारे लिए ख़ुशी की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और केन्द्रीय गृह मंत्री एवं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी ने ‘नागरिकता संशोधन क़ानून’ को इम्प्लीमेंट कर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को सम्मान से जिंदगी जीने का अधिकार दिया है।
कांग्रेस पर हमला करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि 18 दिसंबर 2003 को श्री मनमोहन सिंह जी ने संसद में तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी से कहा था, ”मैं शर्णार्थियों से हो रहे बर्ताव के बारे में कुछ कहना चाहता हूं, देश के बंटवारे के बाद बांग्लादेश जैसे देशों में अल्पसंख्यकों को आघात का सामना करना पड़ रहा है और यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अगर हालात की वजह से लोगों को अपना देश छोड़ भारत में शरणार्थी बनना पड़ता है, तो ऐसे अभाग्य लोगों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया ज्यादा उदार होनी चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि माननीय उप प्रधानमंत्री इसे ध्यान में रखेंगे और भविष्य़ में नागरिकता एक्ट को लेकर कदम उठाएंगे।” इतना ही नहीं, कांग्रेस की सरकार ने पाकिस्तान से आये शरणार्थी हिंदुओं को गुजरात और राजस्थान में बसाने की पहल भी की थी लेकिन आज जब हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को अधिकार देने का कानून लेकर आये हैं तो कांग्रेस पार्टी ही इस पर भ्रम और झूठ की राजनीति कर रही है।
कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए श्री नड्डा ने कहा कि दरअसल ‘नागरिकता संशोधन कानून’ तो बस एक बहाना है, वास्तव में जनता के द्वारा खारिज कांग्रेस पार्टी इसकी आड़ में वोटबैंक और तुष्टिकरण की तुच्छ राजनीति करना चाहती है। उन्होंने कहा कि खासतौर पर कांग्रेस, कांग्रेस की सहयोगी पार्टियां और वामपंथी पार्टियां इस मुद्दे पर छात्रों व समुदायों को गुमराह कर राजनीतिक रोटियाँ सेंक रही हैं।
कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि ‘नागरिकता संशोधन क़ानून’ पर जिम्मेदार राजनीतिक दलों का गैर-जिम्मेदाराना रवैया निराशाजनक और निंदनीय है। ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि हम कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी पार्टियां और कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों द्वारा देश में हिंसा और नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने वाली साजिश का देश की जनता के सामने खुलासा करें। इसलिए, भारतीय जनता पार्टी इस पर आने वाले 10 दिनों में एक ‘देशव्यापी कार्यक्रम’ चलाएगी और हर मंच पर कांग्रेस एवं विपक्ष की अन्य पार्टियों के षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करेगी।
कांग्रेस पर हमलावर होते हुए श्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस और पाकिस्तान की भाषा मिलती-जुलती है। कांग्रेस और पाकिस्तान का यह वैचारिक मेल देश के लिए घातक है। हमें दुगुनी ताकत से कांग्रेस के दोहरे रवैय्ये और ‘नागरिकता संशोधन कानून’ की आड़ में जारी उसके कुचक्र को जनता के सामने बेनकाब करना है।