अंग्रेजों से आजादी दिलाना ही एक उद्देश्य नहीं था। आजादी हासिल करना और कश्मीर से कन्याकुमारी तक एवं कच्छ से कामरूप तक भारत को एक करना भी जिम्मेवारी थी जिसे सरदार पटेल ने बखूबी निभाया। वे समझाना भी जानते थे और नहीं समझने वालों को भी समझाने की उनमें ताकत थी।
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केवल एक जम्मू–कश्मीर का मुद्दा पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने अपने पास रखा था और वही एक समस्या अब तक बनी रही जिसका समाधान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अगस्त 2019 में किया।
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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की रणनीति के बल पर धारा 370 धाराशायी हुआ और देश में ‘एक प्रधान, एक विधान और एक निशान‘ का सपना साकार हुआ।
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नीयत अच्छी हो तो नीति अच्छी बनेगी ही लेकिन यदि नीयत अच्छी न रहे तो नीति अच्छी नहीं रह सकती। सरदार पटेल की नीयत अच्छी थी, तो उनकी नीतियां अच्छी बनीं, देश एक हुआ। इसी तरह जम्मू–कश्मीर के बारे में हमारी नीयत अच्छी थी आज जम्मू–कश्मीर की समस्या का पूर्ण समाधान हुआ।
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सरदार पटेल कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता थे। होना तो यह चाहिए था कि कांग्रेस पार्टी उनकी स्टैच्यू बनाती, उन्हें सम्मान देती लेकिन केवड़िया में उनकी प्रतिमा बनवाई प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने और वहां जाकर उन्हें श्रद्धांजलि नहीं देने का काम किया कांग्रेस पार्टी ने।
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राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के नेतृत्व में राजनीतिक गिरावट और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राजनीतिक उंचाई – यही अंतर बताने के लिए काफी है कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की नीति और नीयत में कितना अंतर है।
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राहुल गाँधी धारा 370 के खात्मे पर देश को ही बदनाम करते हैं तो पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में राहुल गाँधी के बयान को अपना दलील बनाता है लेकिन राहुल गाँधी के मुंह से ‘सॉरी’ का कोई शब्द नहीं निकला।
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पुलवामा हमले पर राहुल गाँधी और कांग्रेस के नेताओं ने देश को ही कठघरे में खड़ा किया था जबकि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन ने ली। पाकिस्तान सरकार का एक मंत्री कहता है कि पुलवामा हमला इमरान सरकार की उपलब्धि है लेकिन राहुल गाँधी और कांग्रेस नेताओं के मुंह से ‘सॉरी‘ नहीं निकलता।
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नीयत गड़बड़ हो तो नीति कैसे सही हो सकती है और इसमें डैमेज कंट्रोल की भी कोई संभावना नहीं। अब कोई ‘एनआरआई’ (NRI) को ‘एमआरआई‘ (MRI) समझ ले तो क्या किया जा सकता है?
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राजद के युवराज नौकरी देने की बात करते हैं। तेल पिलावन, लाठी भजावन वाले नौकरी देंगे? जिन्होंने 15 साल के शासन में 20 लाख से अधिक लोगों को पलायन करने पर मजबूर किया हो, वे बिहार में क्या कभी नौकरी दे सकते हैं? इन्होंने तो नौकरी देने के बदले में नौकरियां हड़प ली।
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एनडीए सरकार में पिछले 15 साल में बिहार की तस्वीर बदली है। नितीश जी ने पिछला चुनाव राजद के साथ ही लड़ा था लेकिन नितीश कुमार जी को राजद का साथ क्यों छोड़ना पड़ा? छोड़ना इसलिए पड़ा कि नितीश जी समझ गए थे कि मेरा सुशासन इनके कुशासन के साथ नहीं चल सकता।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विकास की नई गाथा लिखी जा रही है। हर क्षेत्र में विकास हो रहा हो चाहे हाइवे हो, मेडिकल कॉलेज हो, उद्योग हो या शिक्षा व्यवस्था।
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हम ‘वोटबैंक’ की नहीं, विवेक और विकास की राजनीति करते हैं और लोकतंत्र में वोट उसी को देना चाहिए जिसकी नीयत साफ हो, नीति स्पष्ट हो और काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड हो।
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बिहार में कांग्रेस, राजद और माले का गठबंधन राज्य को पीछे ले जाने वाला है। ये लोग विकास को रोकना चाहते हैं। हमें फिर से लालटेन युग, बाहुबल और लूट राज की ओर नहीं जाना है।
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आज हमें बहुत खुशी होती है कि आरजेडी जैसी पार्टी भी आज संकल्प पत्र निकालने लगी है। नहीं तो इनका संकल्प पत्र सिर्फ यही होता था– न खाता न बही, जो कहें वही सही। ये बदला हुआ बिहार है जो एनडीए सरकार के कारण हुआ है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज शनिवार को लौहपुरुष सरदार पटेल जी की जन्मजयंती के अवसर पर पटना में बुद्धिजीवी वर्ग सम्मेलन को संबोधित किया। कार्यक्रम में बिहार के प्रभारी श्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र शेखावत, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संजय मयूख उपस्थित थे। बड़ी संख्या में अलग-अलग क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोग इस सम्मेलन में शामिल हुए।
श्री नड्डा ने कहा कि आज आधुनिक भारत के आर्किटेक्ट लौह पुरुष सरदार पटेल जी की जन्मजयंती है। अंग्रेजों से आजादी दिलाना ही एक उद्देश्य नहीं था। आजादी हासिल करना और कश्मीर से कन्याकुमारी तक एवं कच्छ से कामरूप तक भारत को एक करना भी जिम्मेवारी थी जिसे सरदार पटेल ने बखूबी निभाया। वे समझाना भी जानते थे और नहीं समझने वालों को भी समझाने की उनमें ताकत थी। उन्होंने 560 से अधिक रियासतों का एकीकरण किया। केवल एक जम्मू–कश्मीर का मुद्दा पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने अपने पास रखा था और वही एक समस्या अब तक बनी रही जिसका समाधान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अगस्त 2019 में किया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की रणनीति के बल पर धारा 370 धाराशायी हुआ और देश में ‘एक प्रधान, एक विधान और एक निशान‘ का सपना साकार हुआ।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि नीयत अच्छी हो तो नीति अच्छी बनेगी ही लेकिन यदि नीयत अच्छी न रहे तो नीति अच्छी नहीं रह सकती। सरदार पटेल की नीयत अच्छी थी, तो उनकी नीतियां अच्छी बनीं, देश एक हुआ। इसी तरह जम्मू–कश्मीर के बारे में हमारी नीयत अच्छी थी आज जम्मू–कश्मीर की समस्या का पूर्ण समाधान हुआ। उन्होंने इतने बड़े देश को एक किया। सरदार पटेल कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता थे। होना तो यह चाहिए था कि कांग्रेस पार्टी उनकी स्टैच्यू बनाती, उन्हें सम्मान देती लेकिन केवड़िया में उनकी प्रतिमा बनवाई प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने और वहां जाकर उन्हें श्रद्धांजलि नहीं देने का काम किया कांग्रेस पार्टी ने। कांग्रेस अपना पीठ थपथापाना कभी नहीं भूलती कि देश की आजादी में उसका अहम् योगदान है लेकिन आज सरदार पटेल जी की जन्मजयंती है और कांग्रेस आज के दिन आंदोलन कर रही है। लोकतंत्र में विरोध करना किसी भी राजनीतिक दल का अधिकार होता है लेकिन वे कोई और दिन चुन सकते थे। हमें तो राहुल समाचार और राहुल ज्ञान हर दिन सुनने की आदत है। राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के नेतृत्व में राजनीतिक गिरावट और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राजनीतिक उंचाई – यही अंतर बताने के लिए काफी है कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की नीति और नीयत में कितना अंतर है।
श्री नड्डा ने कहा कि राहुल गाँधी धारा 370 के खात्मे पर देश को ही बदनाम करते हैं तो पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में राहुल गाँधी के बयान को अपना दलील बनाता है लेकिन राहुल गाँधी के मुंह से ‘सॉरी’ का कोई शब्द नहीं निकला। इसी तरह पुलवामा हमले पर राहुल गाँधी और कांग्रेस के नेताओं ने देश को ही कठघरे में खड़ा किया था जबकि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन ने ली। दो दिन पहले ही पाकिस्तान की संसद में पाकिस्तान सरकार का एक मंत्री कहता है कि पुलवामा हमला इमरान सरकार की उपलब्धि है लेकिन राहुल गाँधी और कांग्रेस नेताओं के मुंह से ‘सॉरी‘ नहीं निकलता। कांग्रेस की सरकार में गृह मंत्री रहे उसके एक और नेता पी चिदंबरम धरा 370 को बहाल करने की बात करते हैं तो शशि थरूर पाकिस्तानी मंच पर हिंदुस्तान की बेइज्जती करते हैं। मणिशंकर अय्यर ने तो एक कदम और आगे बढ़ते हुए पाकिस्तान से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को हटाने में मदद की मांग पर की थी। नीयत गड़बड़ हो तो नीति कैसे सही हो सकती है और इसमें डैमेज कंट्रोल की भी कोई संभावना नहीं। अब कोई ‘एनआरआई’ (NRI) को ‘एमआरआई‘ (MRI) समझ ले तो क्या किया जा सकता है?
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राजद के युवराज नौकरी देने की बात करते हैं। तेल पिलावन, लाठी भजावन वाले नौकरी देंगे? जिन्होंने 15 साल के शासन में 20 लाख से अधिक लोगों को पलायन करने पर मजबूर किया हो, वे बिहार में क्या कभी नौकरी दे सकते हैं? इन्होंने तो नौकरी देने के बदले में नौकरियां हड़प ली। एनडीए सरकार में पिछले 15 साल में बिहार की तस्वीर बदली है। नितीश जी ने पिछला चुनाव राजद के साथ ही लड़ा था लेकिन नितीश कुमार जी को राजद का साथ क्यों छोड़ना पड़ा? छोड़ना इसलिए पड़ा कि नितीश जी समझ गए थे कि मेरा सुशासन इनके कुशासन के साथ नहीं चल सकता।
श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विकास की नई गाथा लिखी जा रही है। हर क्षेत्र में विकास हो रहा हो चाहे हाइवे हो ,मेडिकल कॉलेज हो, उद्योग हो या शिक्षा व्यवस्था। हम ‘वोटबैंक’ की नहीं, विवेक और विकास की राजनीति करते हैं और लोकतंत्र में वोट उसी को देना चाहिए जिसकी नीयत साफ हो, नीति स्पष्ट हो और काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड हो। बिहार में कांग्रेस, राजद और माले का गठबंधन राज्य को पीछे ले जाने वाला है।ये लोग विकास को रोकना चाहते हैं।में फिर से लालटेन युग , बाहुबल और लूट राज की ओर नहीं जाना है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज हमें बहुत खुशी होती है कि आरजेडी जैसी पार्टी भी आज संकल्प पत्रनिकालने लगी है। नहीं तो इनका संकल्प पत्र सिर्फ यही होता था– न खाता न बही, जो कहें वही सही। ये बदला हुआ बिहार है जो एनडीए सरकार के कारण हुआ है।
महेंद्र पांडेय
(कार्यालय सचिव)