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भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की 95 वीं जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

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Date: 24/12/2019



श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के व्यक्तित्व को शब्दों में पिरोना मुश्किल है, हाँ, उसे दिल की गहराइयों से महसूस किया जा सकता है। वे एक ऐसे युग मनीषी थे जो सदियों में एक पैदा होते हैं। वे एक कैसे कालजयी महापुरुष थे जिन्हें काल के कपाल पर लिखने-मिटाने का अमरत्व था

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श्रद्धेय अटल जी के कृतित्व की साया इतनी बड़ी है कि आने वाले लंबे समय तक हम उनके जीवन से प्रेरणा लेकर काम करते रहेंगे

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श्रद्धेय अटल जी गंभीर से गंभीर परिस्थितियों में भी कम से कम शब्दों में ऐसा अचूक जवाब देते थे कि विपक्ष पस्त हो जाता था

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भारत रत्न अटल जी पार्टी की बैठकों में सबकी बात गंभीरता और तल्लीनता से सुनते थे और सबको सुनने के पश्चात् एक प्रश्न जरूर पूछते थे कि ‘उचित क्या है’? उन्होंने जो भी सोचा होता था, उसका जवाब ‘उचित क्या है’ की परिचर्चा में ही मिल जाता था

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जहां तक श्रद्धेय अटल जी के व्यक्तित्व का सवाल है तो वे निस्संदेह भारत माता के सच्चे सपूत थे जिनका ओज, जिनकी वाणी, जिनकी सादगी और जिनका विचार एक अलग ही स्तर का था। आचार, विचार और संस्कार के मामले में वे एक शिखर पुरुष थे

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जैसा उनका नाम ‘अटल’ था, उसी तरह उन्होंने जीवन पर्यंत ‘अटल’ होकर दिखाया अपने सिद्धांतों के प्रति, विचारों के प्रति और देश के प्रति। वे कभी भी अपने रास्ते से डिगे नहीं, सबको साथ लेकर चले

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हम यदि राजनीतिक जीवन में कम से कम उनसे विचारों, सिद्धांतों, निष्ठा और समर्पण पर अटल होने की शिक्षा भी ले पायें तो यह हमारे लिए बड़ी बात होगी। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे हमें थोड़ी सी ताकत और शक्ति दें ताकि हम श्रद्धेय अटल जी द्वारा दिखाए मार्ग पर चल सकें

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज मंगलवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली स्थित नेशनल म्यूजियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया और देश की जनता से श्रद्धेय अटल जी के दिखाए रास्ते पर चलने का आह्वान किया। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद श्री अरुण कुमार सिंह, दिल्ली के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी, श्रद्धेय अटल जी के पल-पल के सहयोगी श्री शिव कुमार एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रमुख श्री संजय मयूख भी उपस्थित थे। यह कार्यक्रम इंडियन पॉलिटिकल एनालिसिस एंड रिसर्च काउंसिल के तत्वाधान में आयोजित किया गया था।

श्री नड्डा ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के व्यक्तित्व को शब्दों में पिरोना मुश्किल है, हाँ, उसे दिल की गहराइयों से महसूस किया जा सकता है। मैं अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझता हूँ कि मुझे उनके साथ काम करने का सान्निध्य मिला। वे एक ऐसे युग मनीषी थे जो सदियों में एक पैदा होते हैं। वे एक कैसे कालजयी महापुरुष थे जिन्हें काल के कपाल पर लिखने-मिटाने का अमरत्व था। वे मर्म को स्पर्श करने वाले एक युगांतकारी ऋषि थे। श्रद्धेय अटल जी के कृतित्व की साया इतनी बड़ी है कि आने वाले लंबे समय तक हम उनके जीवन से प्रेरणा लेकर काम करते रहेंगे।

श्रद्धेय अटल जी से संबंधित कई दृष्टांतों को उद्धृत करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी गंभीर से गंभीर परिस्थितियों में भी कम से कम शब्दों में ऐसा अचूक जवाब देते थे कि विपक्ष पस्त हो जाता था। वे पार्टी की बैठकों में सबकी बात गंभीरता और तल्लीनता से सुनते थे और सबको सुनने के पश्चात् एक प्रश्न जरूर पूछते थे कि ‘उचित क्या है’? उन्होंने जो भी सोचा होता था, उसका जवाब ‘उचित क्या है’ की परिचर्चा में ही मिल जाता था। यदि किसी पार्टी नेता, पदाधिकारी अथवा किसी कार्यकर्ता के मन में कुछ अलग विचार होते थे तो वे उसे भी पूरा तवज्जो देते थे। जब भी हम किसी विषय को लेकर उहापोह की स्थिति में होते थे तो वे हमेशा हम सबको एक नई दृष्टि देते थे और नई राह दिखाते थे।

श्री नड्डा ने कहा कि जहां तक श्रद्धेय अटल जी के व्यक्तित्व का सवाल है तो वे निस्संदेह भारत माता के सच्चे सपूत थे जिनका ओज, जिनकी वाणी, जिनकी सादगी और जिनका विचार एक अलग ही स्तर का था। आचार, विचार और संस्कार के मामले में वे एक शिखर पुरुष थे। व्यंग्य तो उनका इतना गंभीर होता था कि वे चुटीले अंदाज में ही बड़ी से बड़ी बातें कह जाते थे।

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि जैसा उनका नाम ‘अटल’ था, उसी तरह उन्होंने जीवन पर्यंत ‘अटल’ होकर दिखाया अपने सिद्धांतों के प्रति, विचारों के प्रति और देश के प्रति। वे कभी भी अपने रास्ते से डिगे नहीं, सबको साथ लेकर चले। हम यदि राजनीतिक जीवन में कम से कम उनसे विचारों, सिद्धांतों, निष्ठा और समर्पण पर अटल होने की शिक्षा भी ले पायें तो यह हमारे लिए बड़ी बात होगी। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे हमें थोड़ी सी ताकत और शक्ति दें ताकि हम श्रद्धेय अटल जी द्वारा दिखाए मार्ग पर चल सकें।

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