Speeches

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा इंदौर (मध्य प्रदेश) में नागरिकता संशोधन कानून पर सिंधी समाज के साथ चर्चा के मुख्य बिंदु

Accessibility

Date: 22/12/2019



पाकिस्तान से आये सिंधी समाज के लोग जो वर्षों से पीड़ा और अपमान का घूँट पी रहे थे, जिन्हें न्याय देने में कांग्रेस सरकार ने लगातार देरी की, आज उनकी पीड़ा का अंत हुआ है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के माध्यम से उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है

***************

क्या राहुल गाँधी ने देश के विभाजन की त्रासदी का इतिहास पढ़ा है? मैं यह प्रश्न इसलिए उनसे पूछना चाहता हूँ क्योंकि उनके वक्तव्यों से ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता कि उनके दिल में देश के बंटवारे का कोई दर्द भी है

***************

मैं राहुल गाँधी को चुनौती देता हूँ कि वे सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट (CAA) के प्रावधानों पर 10 लाइन बोल कर दिखाएँ। साथ ही, वे दो लाइन प्रदर्शन में हो रहे हिंसा, आगजनी और सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान पर भी बोलें। इससे देश का बहुत बड़ा भला हो जाएगा

***************

क्या राहुल गाँधी अपने पूरे जीवन में देश के किसी भी ऐसे कैंप में गए जहां पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना से पीड़ित होकर अपना घर-बार छोड़ हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थी रह रहे हैं? क्या राहुल गाँधी ने इन शरणार्थियों के हित में कभी कोई वक्तव्य दिया?

***************

नागरिकता संशोधन कानून पर एक हफ्ते से विपक्षी पार्टियों द्वारा प्रायोजित आंदोलन चल रहा है जिसमें काफी मात्रा में सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान किया गया है। क्या राहुल गाँधी ने अब तक इसकी निंदा करने वाला या शांति स्थापित करने वाला कोई वक्तव्य दिया है? राहुल गाँधी ने ऐसा क्यों नहीं किया?

***************

कांग्रेस ने यह ठान लिया है कि एक विशेष समाज के लोगों को भड़कायेंगे, उन्हें गुमराह करेंगे, उनके कंधे पर बंदूक रख कर राजनीति करेंगे और सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान को बढ़ावा देंगे

***************

भारतीय जनता पार्टी ने भी तय कर लिया है कि यदि कांग्रेस देश की जनता को गुमराह करेगी तो भाजपा भी नागरिकता संशोधन कानून पर जनता को जागरूक करते हुए कांग्रेस की वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति को उजागर करेगी

***************

जब हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दे रहे हैं तो कांग्रेस एवं उसकी सहयोगी पार्टियां अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए एक समाज विशेष को उकसा कर देश में हिंसा और नफरत का माहौल बनाने की साजिश रच रही है

***************

मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूँ कि क्या आपके लिए आपका वोट बैंक राष्ट्रहित से भी ऊपर है? दुर्भाग्य की बात यह है कि देश का नेतृत्व करने की चाह रखने वाले कांग्रेस नेताओं ने कभी भी देश की बुनियादी जरूरतों को समझने का भी कोई प्रयत्न नहीं किया

***************

जो देश की माटी के दर्द को न समझते हों, भारतवर्ष की संस्कृति को न जानते हों, भारत के विचार को न महसूस करते हों, उनसे आखिर उम्मीद ही क्या की जा सकती है? यह कांग्रेस है जिसने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा स्वीकार किया था

***************

जब देश की जनता ने 303 कमल के फूल के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपना आशीर्वाद दिया और राज्य सभा में भी हमारी स्थिति अच्छी हुई तो हमने न केवल धारा 370 को धाराशायी किया, न केवल ट्रिपल तलाक को बैन किया बल्कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को भी कानून बनाया

***************

हमने बार-बार यह कहा है, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने भी संसद से लेकर सार्वजनिक मंचों पर यह बात कही है कि नागरिकता संशोधन कानून किसी भी देशवासी का अधिकार छीनता नहीं है, अपितु पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के शिकार अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता का अधिकार देता है

***************

यह मोदी सरकार है। अब किसी के साथ भी भेद-भाव नहीं होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास ही हमारा संकल्प है लेकिन देश की जनता उन लोगों से होशियार रहें जो अपने वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति की आड़ में आपके अधिकारों पर डाका डालते हैं

***************

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज इंदौर (मध्य प्रदेश) के सर्किट हाउस में नागरिकता संशोधन कानून पर सिंधी समाज के लोगों के साथ चर्चा की और इस एक्ट पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री राकेश सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय एवं मध्य प्रदेश विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता श्री गोपाल भार्गव, इंदौर से भाजपा सांसद श्री शंकर ललवानी सहित कई अन्य भी उपस्थित थे। इससे पहले इंदौर पहुँचने पर कई जगह श्री नड्डा का पार्टी कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। उन्होंने भव्य अभिनंदन के लिए इंदौर की जनता को हार्दिक धन्यवाद दिया।

श्री नड्डा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पारित होने पर आज ऐसा माहौल मैंने देखा, मानो पूरा इंदौर शहर खुशियाँ मना रहा हो। पाकिस्तान से आये सिंधी समाज के लोग जो वर्षों से पीड़ा और अपमान का घूँट पी रहे थे, जिन्हें न्याय देने में कांग्रेस सरकार ने लगातार देरी की, आज उनकी पीड़ा का अंत हुआ है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के माध्यम से उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है।

कांग्रेस पर हमला करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि जब हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक रूप से प्रताड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दे रहे हैं तो कांग्रेस एवं उसकी सहयोगी पार्टियां अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए एक समाज विशेष को उकसा कर देश में हिंसा और नफरत का माहौल बनाने की साजिश रच रही है। कांग्रेस के लिए आज भी देश सर्वोपरि नहीं है, उसे अपना वोटबैंक प्यारा है। कांग्रेस ने यह ठान लिया है कि एक विशेष समाज के लोगों को भड़कायेंगे, उन्हें गुमराह करेंगे, उनके कंधे पर बंदूक रख कर राजनीति करेंगे और सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान को बढ़ावा देंगे।

श्री नड्डा ने कहा कि आज मैं नागरिकता संशोधन कानून पर राहुल गाँधी से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूँ:

क्या राहुल गाँधी ने देश के विभाजन की त्रासदी का इतिहास पढ़ा है? मैं यह प्रश्न इसलिए उनसे पूछना चाहता हूँ क्योंकि उनके वक्तव्यों से ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता कि उनके दिल में देश के बंटवारे का कोई दर्द भी है।
क्या राहुल गाँधी अपने पूरे जीवन में देश के किसी भी ऐसे कैंप में गए जहां पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना से पीड़ित होकर अपना घर-बार छोड़ हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थी रह रहे हैं? क्या राहुल गाँधी ने इन शरणार्थियों के हित में कभी कोई वक्तव्य दिया?
नागरिकता संशोधन कानून पर एक हफ्ते से विपक्षी पार्टियों द्वारा प्रायोजित आंदोलन चल रहा है जिसमें काफी मात्रा में सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान किया गया है। क्या राहुल गाँधी ने अब तक इसकी निंदा करने वाला या शांति स्थापित करने वाला कोई वक्तव्य दिया है? राहुल गाँधी ने ऐसा क्यों नहीं किया?
मैं राहुल गाँधी को चुनौती देता हूँ कि वे सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट (CAA) के प्रावधानों पर 10 लाइन बोल कर दिखाएँ। साथ ही, वे दो लाइन प्रदर्शन में हो रहे हिंसा, आगजनी और सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान पर भी बोलें। इससे देश का बहुत बड़ा भला हो जाएगा।

कांग्रेस पर हमले को और तेज करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि हमारे पास पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा किये गए समझौते से लेकर महात्मा गाँधी जी तक का बयान है जिसमें उन्होंने पाकिस्तान से धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने की मांग की है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने भी 2003 में भरे सदन में तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी जी से हिंदू अल्पसंख्यक शरणार्थियों के अधिकार की मांग की थी। कांग्रेस के कई मंत्रियों ने शरणार्थियों के हित में बयान दिए हैं लेकिन अब वोट बैंक की राजनीति करने के लिए कांग्रेस जनता को गुमराह करने में लगी है। भारतीय जनता पार्टी ने तय कर लिया है कि यदि कांग्रेस देश की जनता को गुमराह करेगी तो भाजपा भी नागरिकता संशोधन कानून पर जनता को जागरूक करते हुए कांग्रेस की वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति को उजागर करेगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जब कोई कांग्रेसी नेता आपसे वोट मांगने आये तो उसे बाहर का रास्ता दिखाइये और कहिये कि हम न्याय का साथ देंगे।

श्री नड्डा ने कहा कि जागरूक समाज वो है जो अपने हित को जानता हो जबकि सोया हुआ समाज वो है जो अहित करने वालों को भी आगे बढ़ने का रास्ता देता है। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूँ कि क्या आपके लिए आपका वोट बैंक राष्ट्रहित से भी ऊपर है? दुर्भाग्य की बात यह है कि देश का नेतृत्व करने की चाह रखने वाले कांग्रेस नेताओं ने कभी भी देश की बुनियादी जरूरतों को समझने का भी कोई प्रयत्न नहीं किया। जो देश की माटी के दर्द को न समझते हों, भारतवर्ष की संस्कृति को न जानते हों, भारत के विचार को न महसूस करते हों, उनसे आखिर उम्मीद ही क्या की जा सकती है? यह कांग्रेस है जिसने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा स्वीकार किया था।

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि वर्षों से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चर्चा पे चर्चा होती रही लेकिन इसे कानून के रूप में परिवर्तित नहीं किया गया। यह कानून अब तक इसलिए नहीं बन पाया था क्योंकि इसके इम्प्लीमेंटेशन के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति वाला नेतृत्व नहीं था और हमारी सरकार के पास दोनों सदनों में बहुमत नहीं था। जब देश की जनता ने 303 कमल के फूल के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपना आशीर्वाद दिया और राज्य सभा में भी हमारी स्थिति अच्छी हुई तो हमने न केवल धारा 370 को धाराशायी किया, न केवल ट्रिपल तलाक को बैन किया बल्कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को भी कानून बनाया।

1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था जिसके तहत दोनों देशों के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना था लेकिन 1951 में पाकिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या 23% से घट कर लगभग 3% पर आ गई जबकि इसी तरह बांग्लादेश में भी हिंदुओं की जनसंख्या 23% से घट कर लगभग 7% तक रह गई। इसके ठीक उलट भारत में अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ी है। हमने बार-बार यह कहा है, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने भी संसद से लेकर सार्वजनिक मंचों पर यह बात कही है कि नागरिकता संशोधन कानून किसी भी देशवासी का अधिकार छीनता नहीं है, अपितु पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के शिकार अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता का अधिकार देता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह मोदी सरकार है। अब किसी के साथ भी भेद-भाव नहीं होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास ही हमारा संकल्प है लेकिन देश की जनता उन लोगों से होशियार रहें जो अपने वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति की आड़ में आपके अधिकारों पर डाका डालते हैं।

Back to Top