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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में “नागरिकता संशोधन कानून जन-जागरण अभियान” के तहत आयोजित सेमीनार में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

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Date: 05/01/2020



आजादी के बाद कई पीढ़ियाँ बदली लेकिन उनकी कई आशाएं और आकांक्षाएं अधूरी रही। अनंत संघर्षों के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की रणनीति के बल पर ये सपने साकार हुए चाहे वह धारा 370 का खात्मा हो, ट्रिपल तलाक पर बैन हो या भव्य राम मंदिर का सपना

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मैं आज पुनः एक बार राहुल गाँधी को चुनौती देता हूँ कि वे CAA पर 10 पंक्ति और इसके विरोध में दो पंक्ति बोल कर दिखाएँ। भारत के लिए दुर्भाग्य की बात है कि वर्षों पुरानी कांग्रेस पार्टी के नेता आज ऐसे कैसे हो गए जिसे ये भी नहीं मालूम कि CAA क्या है?

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राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा समाज को भड़काने वाली बात तो करते हैं लेकिन विपक्ष द्वारा प्रायोजित हिंसा की निंदा तक नहीं करते। यही तो कांग्रेस का असली चरित्र रहा है

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कांग्रेस ने हमेशा से समाज को बांटने और भड़काने की ही राजनीति की है लेकिन देश की जनता समझदार है, वह कांग्रेस, सपा-बसपा, तृणमूल, राजद, आप पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टियों के बहकावे में अब और नहीं आने वाली

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हम अपने आप को भाग्यशाली समझते हैं कि हम उस कार्यकाल में हैं जहाँ देश की एकता, अखंडता और देश के विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कई ऐसे ऐतिहासिक कार्य किये जिसकी कल्पना भी आज से पहले असंभव थी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और केंद्रीय गृह मंत्री एवं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी की कुशल नेतृत्व के बल पर भारत को धारा 370 से आजादी मिली और देश में ‘एक विधान, एक प्रधान, एक निशान’ का सपना पूरा हुआ

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धारा 370 और 35 (A)के ख़त्म होने से जम्मू-कश्मीर सत्ता में बने रहने वाले तीनों परिवार की मनमानियों का अंत हुआ है और वहां के आवाम की उम्मीदों का सवेरा हुआ है

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जब हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक रूप से प्रताड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दे रहे हैं तो कांग्रेस एवं उसकी सहयोगी पार्टियां देश में हिंसा और नफरत का माहौल बनाने की साजिश रच रही है

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भारत ने नेहरू-लियाकत समझौते का पालन किया लेकिन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर भीषण अत्याचार हुए। दो दिन पहले ही श्री ननकाना साहिब पर पाक प्रायोजित हमले हुए, सिखों को आतंकित किया गया और आज फिर एक सिख भाई की पाकिस्तान में हत्या हुई

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महात्मा गाँधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल से लेकर डॉ मनमोहन सिंह तक ने पाक-बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यक विस्थापितों को भारत में बसाने की मांग की थी लेकिन वोट बैंक के लालच में कांग्रेस ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाये

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कांग्रेस ने भाषण दिए, राजनीतिक रोटियाँ सेंकी, राजनीति की लेकिन शरणार्थियों का भला नहीं किया। कांग्रेस के नेता दलित हितैषी होने का ढोंग करते हैं लेकिन दलितों की चिंता नहीं करते। इन शरणार्थियों में लगभग दो-तिहाई दलित हैं लेकिन इनका दर्द कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को दिखाई नहीं देता

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज रविवार को गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) के हिंदी भवन (लोहिया नगर) में “सीएए जन-जागरण अभियान” पर आयोजित एक सेमिनार को संबोधित किया और इस पर कांग्रेस सहित विपक्ष के झूठ को उजागार करते हुए देश के अल्पसंख्यकों को एक बार पुनः आश्वस्त किया कि यह कानून नागरिकता देने वाला है, लेने वाला नहीं। कार्यक्रम में गाज़ियाबाद के सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री श्री वीके सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गोपाल अग्रवाल एवं कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

श्री नड्डा ने कहा कि आजादी के बाद कई पीढ़ियाँ बदली लेकिन उनकी कई आशाएं और आकांक्षाएं पूरी नहीं हुई। लोगों ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटने का सपना देखा था, ट्रिपल तलाक को बैन करने का सपना देखा था, आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का सपना देखा था, श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के भव्य मंदिर का सपना देखा था लेकिन आजादी के 70 सालों तक ये सपने पूरे नहीं हुए, अधूरे ही रहे। अनंत संघर्षों के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की रणनीति के बल पर ये सभी सपने साकार हुए। मनुष्य का यह सहज स्वभाव रहा है कि कोई चीज हमें मिल जाय तो हम उसकी क़द्र नहीं करते और जो नहीं मिलता, उसके लिए आतुर रहते हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। हम अपने आप को भाग्यशाली समझते हैं कि हम उस कार्यकाल में हैं जहाँ देश की एकता, अखंडता और देश के विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कई ऐसे ऐतिहासिक कार्य किये जिसकी कल्पना भी आज से पहले असंभव थी।

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और केंद्रीय गृह मंत्री एवं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी की कुशल नेतृत्व के बल पर भारत को धारा 370 से आजादी मिली और देश में ‘एक विधान, एक प्रधान, एक निशान’ का सपना पूरा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लोक सभा चुनाव में आपने 303 सांसद देकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपना आशीर्वाद दिया और पहले ही सत्र में धारा 370 को ख़त्म कर प्रधानमंत्री जी ने जम्मू-कश्मीर के विकास के नए द्वारा खोले। पहले पंचायतों के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिया गया पैसा सीधे जम्मू-कश्मीर के तीन राजनीतिक घरानों में पहुँच जाता था, अब यह सीधे वहां के रहने वाले लोगों के विकास और उनकी भलाई के काम आयेगा। अब जम्मू-कश्मीर में रहने वाले सभी आदिवासी, ओबीसी एवं अन्य समाज के लोगों को चुनाव लड़ने और वोट डालने का अधिकार होगा। धारा 370 और 35 (A)के ख़त्म होने से जम्मू-कश्मीर सत्ता में बने रहने वाले तीनों परिवार की मनमानियों का अंत हुआ है और वहां के आवाम की उम्मीदों का सवेरा हुआ है। आज़ादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में ब्लाक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) के चुनाव हुए जिसमें वोटिंग के नए रिकॉर्ड्स बने। आतंक से सबसे अधिक प्रभावित पुलवामा और सोपियां में भी क्रमशः 85 और 86% से अधिक वोटिंग हुई। श्रीनगर में 100% वोटिंग हुई। भाजपा को 81 सीटों पर जीत मिली जबकि कांग्रेस को केवल दो में विजय प्राप्त हुई। धारा 370 के हटने से घाटी में लोकतंत्र की जड़ें और गहरी हुई हैं। जम्मू-कश्मीर के विकास के हम सब गवाह हैं।

ट्रिपल तलाक की कुरीति को ख़त्म करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रशंसा करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि हमने समय-समय पर सामाजिक कुरीतियों को खुद ही ख़त्म किया है। हमने सती प्रथा, बाल विवाह, दहेज़ प्रथा जैसी तमाम कुरीतियों को समाप्त किया है, बहनों को भी प्रॉपर्टी में राइट्स मिले, इसके व्यवस्था की है। इसी कड़ी में हमने मुस्लिम बहनों को समानता का अधिकार देने और गरिमापूर्ण जिंदगी सुनिश्चित करने के लिए ट्रिपल तलाक के क़ानून को ख़त्म किया जिसे ख़त्म करने का साहस आज तक कोई जुटा नहीं पाया।

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि मजबूत जनादेश का मतलब यह होता है कि केंद्र में लगातार दूसरी बार मोदी सरकार आने के बाद पहले ही लोक सभा सत्र में भारत के मुकुट-मणि पर लगा कलंक धारा 370 धाराशायी हुआ और ट्रिपल तलाक का अभिशाप ख़त्म हुआ। NIA और UAPA जैसे विधेयक पारित हुए। ये सारे दृष्टांत इस बात के द्योतक हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश कैसे बदला और किस तरह विकास की दिशा और गति, दोनों बदली।

कांग्रेस पर हमला करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि जब हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक रूप से प्रताड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दे रहे हैं तो कांग्रेस एवं उसकी सहयोगी पार्टियां अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए एक समाज विशेष को उकसा कर देश में हिंसा और नफरत का माहौल बनाने की साजिश रच रही है। कांग्रेस के लिए आज भी देश सर्वोपरि नहीं है, उसे अपना वोट बैंक प्यारा है।

कांग्रेस-सपा-बसपा पर हमला करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था जिसके तहत दोनों देशों के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना था लेकिन 1951 में पाकिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या 23% से घट कर लगभग 4% के नीचे आ गई जबकि इसी तरह बांग्लादेश में भी हिंदुओं की जनसंख्या 23% से घट कर लगभग 7% तक रह गई। इसके ठीक उलट भारत में अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ी है। पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर काफी संख्या में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी अपनी इज्जत-आबरू बचाने शरणार्थी के रूप में भारत आये। ये वर्षों से भारत को अपनी धरती मान कर रहते आये हैं लेकिन कांग्रेसी सरकारों ने शरणार्थियों के अधिकार की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं किया। यह आज हमारे लिए ख़ुशी की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और केन्द्रीय गृह मंत्री एवं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी ने ‘नागरिकता संशोधन क़ानून’ को इम्प्लीमेंट कर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को सम्मान से जिंदगी जीने का अधिकार दिया है।

श्री नड्डा ने कहा कि 18 दिसंबर 2003 को श्री मनमोहन सिंह जी ने संसद में तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी से कहा था, ”मैं शरणार्थियों से हो रहे बर्ताव के बारे में कुछ कहना चाहता हूं, देश के बंटवारे के बाद बांग्लादेश जैसे देशों में अल्पसंख्यकों को आघात का सामना करना पड़ रहा है और यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अगर हालात की वजह से लोगों को अपना देश छोड़ भारत में शरणार्थी बनना पड़ता है, तो ऐसे वक्त के मारे लोगों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया ज्यादा उदार होनी चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि माननीय उप प्रधानमंत्री इसे ध्यान में रखेंगे और भविष्य़ में नागरिकता एक्ट को लेकर कदम उठाएंगे।” इतना ही नहीं, कांग्रेस की सरकार ने पाकिस्तान से आये शरणार्थी हिंदुओं को गुजरात और राजस्थान में बसाने की पहल भी की थी लेकिन आज जब हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को अधिकार देने का कानून लेकर आये हैं तो कांग्रेस पार्टी ही इस पर भ्रम और झूठ की राजनीति कर रही है। महात्मा गाँधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल से लेकर डॉ मनमोहन सिंह तक ने पाक-बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यक विस्थापितों को भारत में बसाने की मांग की थी लेकिन वोट बैंक के लालच में कांग्रेस ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाये।

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस और उसकी जैसी पार्टियों द्वारा देश भर में भ्रम फैलाया जा रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून से बड़ी संख्या में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थी भारत आ जायेंगे। अरे विपक्ष को यह भी समझ नहीं है कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत इन तीन देशों से आये उन शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि कांग्रेस ने भाषण दिए, राजनीतिक रोटियाँ सेंकी, राजनीति की लेकिन शरणार्थियों का भला नहीं किया। कांग्रेस के नेता दलित हितैषी होने का ढोंग करते हैं लेकिन दलितों की चिंता नहीं करते। इन शरणार्थियों में लगभग दो-तिहाई दलित हैं लेकिन इनका दर्द कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को दिखाई नहीं देता। ममता दीदी वोट मांगने बड़ो माँ वीणापाणि देवी से झूठा वादा तो करती हैं लेकिन उसे पूरा नहीं करती लेकिन बड़ो माँ की अंतिम इच्छा को पूरा किया प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने। आज प्रधानमंत्री जी दलित शरणार्थियों के अधिकार के लिए काम कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस राजनीति कर रही है।

राहुल गाँधी पर बरसते हुए श्री नड्डा ने कहा कि मैंने पहले भी राहुल गाँधी को चुनौती दी थी कि वे CAA पर 10 पंक्तियाँ और इसके विरोध में दो पंक्तियाँ बोल कर दिखाएँ लेकिन उन्हें समझ में ही नहीं आता तो बोलेंगे क्या? मैं आज पुनः एक बार राहुल गाँधी को चुनौती देता हूँ कि वे CAA पर 10 पंक्ति बोल कर दिखाएँ। भारत के लिए दुर्भाग्य की बात है कि वर्षों पुरानी कांग्रेस पार्टी के नेता आज ऐसे कैसे हो गए जिसे ये भी नहीं मालूम कि CAA क्या है? उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा समाज को भड़काने वाली बात तो करते हैं लेकिन विपक्ष द्वारा प्रायोजित हिंसा की निंदा तक नहीं करते। यही तो कांग्रेस का असली चरित्र रहा है। कांग्रेस ने हमेशा से समाज को बांटने और भड़काने की ही राजनीति की है लेकिन देश की जनता समझदार है, वह कांग्रेस, सपा-बसपा, तृणमूल, राजद, आप पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टियों के बहकावे में अब और नहीं आने वाली। कार्यकारी अध्यक्ष के आह्वान पर सेमीनार में उपस्थित जनता ने टोल फ्री नंबर 8866288662 पर मिस्ड कॉल करके नागरिकता संशोधन कानून के प्रति अपना समर्थन जताया।

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