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Salient points of speech : Hon’ble BJP National President Shri J.P. Nadda while addressing “Chikitsak (Corona Warriors) Sammelan” in Agra (Uttar Pradesh).

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Date: 08/08/2021



हमारी संगठन की शक्ति के मजबूत आधार, बूथ स्तर के सभी कार्यकर्ता हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में विकास योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा रहे हैं.

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भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि 2 लाख गांवों में हेल्थ वॉलंटियर्स तैयार करेंगे। अभी तक हमने लगभग 1.80 लाख हेल्थ वॉलंटियर्स डिजिटली रजिस्टर करा लिया है। इस 1.80 लाख हेल्थ वॉलंटियर्स में 20 हजार डॉक्टर्स हैं. हर बूथ पर हेल्थ वॉलंटियर्स की ट्रेनिंग चल रही है।

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हर बूथ पर दो हेल्थ किट दिए जायेंगे जिसमें एक ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर, इम्यूनिटी बूस्टर, एंटीजन टेस्ट किट सहित अन्य जरूरी चीजे होंगी.

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इस अगस्त महीने के अंत तक 2 लाख गांवों में 4 लाख हेल्थ वॉलंटियर्स भाजपा तैयार करेगी। ताकि कभी अगर कोई तीसरी लहर आए, तो भाजपा के 4 लाख वॉलंटियर्स, समय पर फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के रूप में अपने बूथ की, गांव की सेवा कर सकें.

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2017 में लगभग 50, 0000 लोगों की बीच हमने नई हेल्थ पालिसी पर चर्चाएँ की थीं, 50,000 से ज्यादा इसपर सुझाव आए थे. उन सभी उचित सुझावों का समावेश करने के बाद, करीब 15 साल बाद, नेशनल हेल्थ पालिसी, 2017 बनाई गयी.

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नेशनल हेल्थ पालिसी, 2017 के तहत प्रिवेंटिव, प्रोमोटिव और क्यूरोटिव (निवारक, प्रोत्साहक और उपचारात्मक) हेल्थ केयर का काम आरम्भ हुआ.  प्रिवेंटिव हेल्थ केयर के तहत हमने तय किया कि देश में विद्यमान 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेंद्रों को 7-8 साल के भीतर हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र में बदल डालें जहां हर लोगों का एक प्रोफाइल तैयार हो सके जिससे समय पर उनका उचित उपचार हो सके.

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यह गर्व की बात है आज अस्सी हजार स्वास्थ उपकेंद्रों पर हेल्थ एंड वेलनेस का काम शुरु हो चूका है और 2022 तक लक्ष्य है की पूरे 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र में तब्दील कर दिया जाएगा.

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कांग्रेस के शासनकला में देश भर में महज एक AIIMS ही बन पाया। लेकिन 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी जी आये तो 6 AIIMS खोले गए. पुनः जब UPA की सरकार आयी तो इस दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ। लेकिन 2014 में जब नरेन्द्र मोदी जी की सरकार आयी तो 22 AIIMS बनकर देश में तैयार हो गए.

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2014 तक, देश में कुल 385 मेडिकल कॉलेज थे जबकि 2020 तक 532 मेडिकल खुल गए. एमबीबीएस के लिए 2014 में कुल सीटें मात्र 52,000 थीं जो आज बढ़कर 88,000 हो गई हैं.

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आयुष्मान भारत योजना के तहत 50 करोड़ गरीब लोगों को 5 लाख का हेल्थ कवर सालाना देने का काम किया गया और अब तक 1.83 करोड़ लोग इस योजना से अब तक लाभान्वित हो चुके हैं और 23 हजार करोड़ रूपये इस मद में अब तक व्यय हो चूके हैं.

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रायबरेली में 823 करोड़ की लागत से बनने वाली 610 बेड्स वाली एम्स तैयार हो रही है, गोरखपुर में 750 बेड्स की क्षमता वाली एम्स तैयार हो रही है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और योगी आदित्यनाथ जी के आने के बाद उत्तर प्रदेश में अब तक 30 मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं और 1,550 एमबीबीएस सीटें बढ़ाई गई हैं.

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उत्तर प्रदेश में बच्चों के  टीकाकरण की बात की जाए तो इन्द्रधनुष योजना के तहत 7.57 करोड़ बच्चों का टीकाकरण हुआ है जो अन्य राज्यों से सर्वाधिक है.

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कोरोना टेस्टिंग का यूपी ने रिकॉर्ड बनाया है। यूपी में अब तक 5.70 करोड़ सैंपल टेस्ट किया गया है। यूपी के पास लगभग 1,260 टेस्टिंग फैसिलिटी हैं और लगभग 6 हजार आईसीयू बेड्स हैं। यूपी में रिकवरी रेट लगभग 97% है। इसके लिए मैं योगी जी और आप सभी डॉक्टर्स को बधाई देता हूं

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कोरोना चुनौती से लड़ने में दुनिया के बड़े-बड़े और शक्तिशाली देशों को भी घुटने टेकने पड़े लेकिन जिस तरह 135 करोड़ देशवासियों को साथ लेकर हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, वह अपने आप में अभूतपूर्व है।

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कोरोना की दस्तक के साथ ही 14 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री मोदी जी ने वैक्सीन के लिए पहली टास्कफोर्स बनाई। भारत सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी गईअफसरों और वैज्ञानिकों को लगाया गया। फिर महीनें के अंदर हमारे उद्यमियोंडॉक्टर्स और वैज्ञानिकों ने एक नहीं बल्कि दो-दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार करके दी.

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हमने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के जरिये दुनिया भर में मानवता की मदद के लिए कदम उठाये। दिसंबर तक हमारे पास लगभग 135 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होंगे।

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मुझे दुख के साथ कहना पड़ता है कि हमारा विपक्ष कितनी छोटी सोच वाला साबित हुआ। पूरे टीकाकरण अभियान में कांग्रेस ने अपनी आदत के अनुसार लोगों को अटकाने और भटकाने का काम किया. कुछ ने तो ये तक कहा कि ये तो भाजपा की वैक्सीन हैमैं तो लगवाऊंगा नहीं। लेकिन अब लगवा ली है।

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ऐसी छोटी सोच वाले लोग उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रदेशों को कहां चला पाएंगे. अतः मैं निवेदन करना चाहता हूँ कि हमारा समाज एक जागृत समाज है. जागे हुए नेताओं को जो समाज की सेवा कर रहे हैं उन्हें शाबासी दें, काम दें और जो लोग इंजेक्शन से डर रहे हों कि इसमें भी राजनीति है ,उन्हें अब आराम दें.

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज आगरा (उत्तर प्रदेश) में ‘चिकित्सक (कोरोना वॉरियर्स) सम्मलेन’ को संबोधित किया। सम्मलेन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, प्रदेश अध्यक्ष स्वतन्त्र देव सिंह जी, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री बी एल संतोष जी एवं प्रदेश प्रभारी श्री राधामोहन सिंह जी भी उपस्थित थे. इससे पूर्व, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आज आगरा में संगठनात्मक बैठक को भी संबोधित कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कोरोना  वॉरियर्स के काम की तारीफ करते हुए कहा कि  डॉक्टर कभी कॉकपिट से बाहर नहीं निकल पाते हैं. डॉक्टर्स के सेवाभाव को सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता है. उनका संतोष ही उनका सबसे बड़ा सर्टिफिकेट है.  आप सब लोग बधाई और शाबाशी के पात्र हैं। आप सबने मानवता की जो सेवा की है उसे कोई सर्टिफिकेट नहीं दे सकता। क्योंकि जिस तरह से आप काम में जुटते हैं, इसका अहसास बहुत कम लोग कर सकते हैं.

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमारी संगठन की शक्ति के मजबूत आधार, बूथ स्तर के सभी कार्यकर्ता हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में विकास योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाया है. भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि 2 लाख गांवों में हेल्थ वॉलंटियर्स तैयार करेंगे। अभी तक हमने लगभग 1.80 लाख हेल्थ वॉलंटियर्स डिजिटली रजिस्टर करा लिया है। इस 1.80 लाख हेल्थ वॉलंटियर्स में 20 हजार डॉक्टर्स हैं. हर बूथ पर हेल्थ वॉलंटियर्स की ट्रेनिंग चल रही है। हम हर बूथ पर दो हेल्थ किट दी जाएंगी जिसमें एक ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर, इम्यूनिटी बूस्टर, एंटीजन टेस्ट किट सहित अन्य जरूरी चीजे होंगी. इस अगस्त महीनें के अंत तक 2 लाख गांवों में 4 लाख हेल्थ वॉलंटियर्स भाजपा तैयार करेगी। ताकि कभी अगर कोई तीसरी लहर आए, तो भाजपा के 4 लाख वॉलंटियर्स, समय पर फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के रूप में अपने बूथ की, गांव की सेवा कर सकें.

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि राजनीति में काम करते करते समाज में इतनी उदासीनता आती जाती है कि जनता सोचने पर विवश हो जाती है कि राजनीति में कोई आए, कोई जाये, क्या फर्क पड़ता है. लेकिन सत्य यही है कि राजनीति में अच्छे लोगों के आने का और बुरे लोगों के जाने का असीम फर्क पड़ता है.  2017 में लगभग 50, 0000 लोगों की बीच हमने नई हेल्थ पालिसी पर चर्चाएँ की थीं, 50,000 से ज्यादा इसपर सुझाव आए थे. उन सभी उचित सुझावों का समावेश करने के बाद, करीब 15 साल बाद, नेशनल हेल्थ पालिसी, 2017 बनाई गयी. इस समग्र हेल्थ पालिसी में इस बात पर प्रमुखता से ध्यान दिया गया कि पहली कोशिश यह हो कि एक स्वस्थ आदमी बीमार ही न पड़े और यदि बीमार पड़ भी जाए तो बीमारी को ठीक करने के पहले बीमार के मन को ठीक करो. इस प्रकार, नेशनल हेल्थ पालिसी, 2017 के तहत प्रिवेंटिव, प्रोमोटिव और क्यूरोटिव (निवारक, प्रोत्साहक और उपचारात्मक) हेल्थ केयर का काम आरम्भ हुआ.  प्रिवेंटिव हेल्थ केयर के तहत हमने तय किया कि देश में विद्यमान 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेंद्रों को 7-8 साल के भीतर हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र में बदल डालें जहां हर लोगों को एक प्रोफाइल तैयार हो सके जिससे समय पर उनका उचित उपचार हो सके. यह गर्व की बात है आज अस्सी हजार स्वस्थ उपकेंद्रों पर हेल्थ एंड वेलनेस का काम शुरु हो चूका है और 2022 तक लक्ष्य है की पूरे 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र में तब्दील कर दिया जाएगा.

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि राजनीति में अच्छे लोगों के आने और बुरे लोगों के जाने का फर्क यही पड़ता है कि कांग्रेस के शासनकला में देश भर में महज एक AIIMS ही बन पाया। लेकिन 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी आये तो 6 AIIMS खोले गए. पुनः जब UPA की सरकार आयी तो इस दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ। लेकिन 2014 में जब नरेन्द्र मोदी जी की सरकार आयी तो 22 AIIMS बनकर देश में तैयार हो गए. 2014 तक, देश में कुल 385 मेडिकल कॉलेज थे जबकि 2020 तक 532 मेडिकल खुल गए. एमबीबीएस के लिए 2014 में कुल सीटें मात्र 52,000 थीं जो आज बढ़कर 88,000 हो गई हैं. इसी तरह, चिकित्सा से जुड़ी पोस्ट ग्रेजुएट सीटों में भी 30,000 की वृद्धि हुई है. आयुष्मान भारत योजना लागू के तहत 50 करोड़ गरीब लोगों को 5 लाख का हेल्थ कवर सालाना देने का काम किया गया और अब तक 1.83 करोड़ लोग इस योजना से अब तक लाभान्वित हो चुके हैं और 23 हजार करोड़ रूपये इस मद में अब तक व्यय हो चूके हैं.

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश की चिकित्सा सुविधा का जिक्र करते हुए कहा कि रायबरेली में 823 करोड़ की लागत से बनने वाली 610 बेड्स वाली एम्स तैयार हो रही है, गोरखपुर में 750 बेड्स की क्षमता वाली एम्स तैयार हो रही है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और योगी आदित्यनाथ जी के आने के बाद उत्तर प्रदेश में अब तक 30 मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं और 1,550 एमबीबीएस सीटें बढ़ाई गई हैं. उत्तर प्रदेश में बच्चों के  टीकाकरण की बात की जाए तो इन्द्रधनुष योजना के तहत 7.57 करोड़ बच्चों का टीकाकरण हुआ है जो अन्य राज्यों से सर्वाधिक है.   

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश में कोरोना प्रबंधन की तारीफ करते हुए कहा कि कोरोना टेस्टिंग मामले में यूपी ने रिकॉर्ड बनाया है। यूपी में अब तक 5.70 करोड़ सैंपल टेस्ट किया गया है। यूपी के पास लगभग 1,260 टेस्टिंग फैसिलिटी हैं और लगभग 6 हजार आईसीयू बेड्स हैं। यूपी में रिकवरी रेट लगभग 97% है। इसके लिए मैं योगी जी और आप सभी डॉक्टर्स को बधाई देता हूं

 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा कोरोना मैनेजमेंट की तैयारी का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना चुनौती से लड़ने में दुनिया के बड़ेबड़े और शक्तिशाली देशों को भी घुटने टेकने पड़े लेकिन जिस तरह 135 करोड़ देशवासियों को साथ लेकर हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ी हैवह अपने आप में अभूतपूर्व है। कोविड के बारे में किसी के पास कोई जानकारी नहीं थी, इसके बावजूद इस चुनौती का जिस तरह डट कर सामना भारत ने माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में किया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाय, कम है। श्री मोदी जी ने समय पर साहसिक और निर्णायक निर्णय लेते हुए देश को कोरोना के खिलाफ व्यापक लड़ाई के लिए तैयार किया। जब देश में कोरोना ने दस्तक दी थी, उस वक्त हमारे पास टेस्टिंग के लिए केवल एक लैब थी और प्रतिदिन केवल 1500 टेस्टिंग की सुविधा थी लेकिन आज हर दिन औसतन 20 लाख टेस्टिंग की सुविधा हमारे पास है, लगभग ढाई हजार टेस्टिंग लैब्स हैं। पहले हमें पीपीई किट्स और वेंटीलेटर्स आयात करने पड़ते थे लेकिन आज हम पीपीई किट्स एक्सपोर्ट कर रहे हैं, वेंटीलेटर्स की भी कोई कमी नहीं है। आइसोलेशन बेड जो पहले काफी सीमित हुआ करते थे, आज 14 लाख आइसोलेशन बेड उपलब्ध हैं. आईसीयू बेड भी आज 85,000 से ज्यादा उपलब्ध हैं.  900 मीट्रिक तक ऑक्सीजन की हमारी क्षमता थी, जिसे बढाकर 3,000 मीट्रिक टन किया गया और इसे अप्रैल में 9,446 मीट्रिक टन क्षमता बढ़ाने का काम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सौजन्य से संभव हो पाया. देश के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन की आपूर्ति जल-थल-वायु तीनों माध्यमों से की गई

 

भारत के टीकाकरण अभियान पर बोलते हुए श्री नड्डा ने कहा कि स्मॉल पॉक्स, चिकन पॉक्स और पोलियो के टीके भारत में वर्षों बाद आये लेकिन ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने भारत के काम करने की परिभाषा ही बदल डाली। कोरोना की दस्तक के साथ ही 14 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री मोदी जी ने वैक्सीन के लिए पहली टास्कफोर्स बनाई। भारत सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी गईअफसरों और वैज्ञानिकों को लगाया गया। फिर महीनें के अंदर हमारे उद्यमियोंडॉक्टर्स और वैज्ञानिकों ने एक नहीं बल्कि दो-दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार करके दी. हमने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के जरिये दुनिया भर में मानवता की मदद के लिए कदम उठाये। दिसंबर तक हमारे पास लगभग 135 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होंगे।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पूरे कोरोना काल में विपक्ष के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर कहा कि  मुझे दुख के साथ कहना पड़ता है कि हमारा विपक्ष कितनी छोटी सोच वाला साबित हुआ। पूरे टीकाकरण अभियान में कांग्रेस ने अपनी आदत के अनुसार लोगों को अटकाने और भटकाने का काम किया. कुछ ने तो ये तक कहा कि ये तो भाजपा की वैक्सीन हैमैं तो लगवाऊंगा नहीं। लेकिन अब लगवा ली है। ऐसी छोटी सोच वाले उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रदेशों को कहां चला पाएंगे. अतः मैं निवेदन करना चाहता हूँ कि हमारा समाज एक जागृत समाज है. जागे हुए नेताओं को जो समाज की सेवा कर रहे हैं उन्हें शाबासी दें, काम दें और जो लोग इंजेक्शन से डर रहे हों कि इसमें भी राजनीति है ,उन्हें अब आराम दें.

 

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