स्वर्गीय श्री कमल शर्मा जी सदैव पार्टी के लिए समर्पित रहे और पंजाब में संगठन को एक नई दिशा दी। पंजाब में जब आतंकवाद चरम पर था, उस समय कैंपस में काम करना बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन इस मुश्किल घड़ी में भी उन्होंने कैंपस में काम किया और पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाया।
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यदि हमें स्वर्गीय कमल शर्मा जी को सच्ची श्रद्धांजलि देनी है और उनके बताये रास्ते पर चलना है तो हमें पंजाब में भारतीय जनता पार्टी को पहले स्थान पर स्थापित करना होगा।
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पंजाब में हमें अपनी पार्टी को शहर ने निकाल कर गाँव–गाँव, घर–घर पहुंचाना है। पंजाब की जनता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश भर में चल रही विकास यात्रा से जुड़ना चाहती है। हमें बस उन तक पहुंचना है।
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पंजाब में राजनीतिक दल अपने निहित राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं। वे किसानों का भला नहीं चाहते, किसानों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकना चाहते हैं। वे बस विरोध के लिए इन महत्वपूर्ण कृषि सुधारों का विरोध कर रहे हैं।
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मैंने कई बार कांग्रेस को और कृषि सुधारों का विरोध कर रहे लोगों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया लेकिन ये कहते हैं कि चर्चा नहीं करना है, बस विरोध करना है। कांग्रेस की हालत तो ऐसी हो गई है कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विरोध करते–करते देश के विरोध पर उतारू हो गई है।
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मैं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जी से पूछना चाहता हूँ कि वे बताएं कि क्या कांग्रेस ने 2019 के चुनावी घोषणापत्र में यह नहीं लिखा था कि वह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देगी, मंडी की बंदिशों को ख़त्म करेगी और इशेंशियल कमोडिटी एक्ट को समाप्त करेगी? राहुल गाँधी ने 2013 में कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों से फ्रूट्स को एपीएमसी एक्ट से बाहर रखने को कहा था।
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यदि कांग्रेस में हिम्मत है तो वह सार्वजनिक रूप से बोले कि उनका मेनिफेस्टो जनता के साथ धोखा था, कांग्रेस बोले कि उसने जनता से झूठा वादा किया था। कांग्रेस अपनी गलती माने लेकिन ये नहीं हो सकता कि चित भी मेरी, पट भी मेरी।
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विपक्ष हल्ला मचा रहा है कि एमएसपी अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य ख़त्म हो जाएगा जबकि हमार प्रधानमंत्री जी और कृषि मंत्री जी ने बार–बार यह कहा है कि एमएसपी था, है और रहेगा। हमारी सरकार ने तो एमएसपी बढ़ाने का काम किया है।
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जब कांग्रेस और कुछ विपक्षी दल किसानों को गुमराह करने की साजिश रच रही है, ऐसे में यह हमारी विशेष जिम्मेवारी बनती है कि हमें किसानों से बात कर इन कृषि सुधारों से होने वाले फायदे के बारे में बताना चाहिए और उनकी शंकाओं को दूर करना चाहिए।
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किसानों के नेता तो बहुत बने लेकिन वे बस किसान के नाम पर राजनीति करते रहे, उनकी स्थिति में बदलाव लाने के लिए, उनकी भलाई के लिए कुछ भी नहीं किया।
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ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू किया, किसानों को किसान सम्मान निधि के रूप में सहायता पहुंचाई और कृषि सुधारों को कानून के रूप में लागू किया।
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कांग्रेस ने यूपीए सरकार के 10 वर्षों में केवल एक बार किसानों का कर्ज माफ किया वह भी महज 55 हजार करोड़ रुपये के लगभग जबकि प्रधानमंत्री जी ने देश के सभी किसानों के एकाउंट में प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता पहुंचाने का अभियान शुरू किया है।
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अब तक लगभग एक लाख करोड़ रुपये किसानों के एकाउंट में हस्तांतरित किया जा चुका है। कृषि सुधार विधेयकों ने देश में ‘वन नेशन, वन मार्केट‘ की अवधारणा को चरितार्थ किया है।
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पंजाब में तो किसान न मंडी बदल सकते हैं और न मंडी में अपना आढ़ती ही बदल सकते हैं लेकिन अब किसान जहां चाहें, अपने उत्पाद को बेच सकते हैं। वे किसी भी मंडी या मंडी के बाहर भी अपनी फसल बेच सकते हैं। अब किसानों को अलग अलग बाजार में उत्पादों के मूल्य के बारे में भी पता चल पायेगा।
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कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में कॉन्ट्रैक्ट जमीन का नहीं बल्कि जमीन पर उपजे उत्पाद का होगा। कॉन्ट्रैक्ट होने पर दाम पहले ही तय हो जायगा और मार्किट अच्छी हुई तो बोनस भी पहले से ही तय कर दिया जाएगा। जमीन का मालिकाना हक़ रखने वाले किसानों को कभी कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
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इशेंशियल कमोडिटी एक्ट अनाज की कमी के कारण लाया गया था। आज जब देश में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है तो सप्लाई चेन को सुदृढ़ करने के लिए इसे हटाने की जरूरत थी। कांग्रेस ने भी इसकी वकालत की थी लेकिन आज वह इसके विरोध में है।
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पार्टी कार्यकर्ता पूरी विनम्रता के साथ किसानों से, किसान यूनियन से संपर्क साध कर उन्हें सच्चाई से अवगत कराएं, उनकी शंका का समाधान करें। याद रखें, जो परिवर्तन लाता है, उसी को विरोध सहना पड़ता है। हमारी सरकार का हर कदम देश के किसानों के हित में है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वर्गीय श्री कमल शर्मा प्रथम स्मृति व्याख्यान को संबोधित किया और पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से स्वर्गीय श्री कमल शर्मा जी के दिखाए रास्ते पर चलते हुए पंजाब में संगठन को मजबूत करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में दिल्ली में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के साथ पंजाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री अश्वनी शर्मा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री तरुण चुघ, केंद्रीय मंत्री श्री सोम प्रकाश, कार्यालय सचिव श्री महेंद्र पांडेय सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे तो वहीं चंडीगढ़ से स्वर्गीय श्री कमल शर्मा जी की धर्मपत्नी श्रीमती शशि शर्मा जी, प्रदेश संगठन मंत्री श्री दिनेश कुमार, पंजाब में पार्टी के प्रदेश महासचिव श्री जीवन गुप्ता, श्री सुभाष, श्री श्वेत मलिक, श्री विजय सांपला एवं श्री अविनाश राय खन्ना सहित कई पार्टी पदाधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
श्री नड्डा ने कहा कि हम आज भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि हमने पंजाब में संगठन को खड़ा करने और मजबूती प्रदान करने में विशिष्ट योगदान करने वाले अपने परम मित्र श्री कमल शर्मा जी को इतनी जल्दी खो दिया है। वे सदैव पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करते रहे और पंजाब में संगठन को एक नई दिशा दी। मेरा उनके साथ संबंध विद्यार्थी परिषद् के समय का था। वे न केवल एक अच्छे सहयोगी थे बल्कि एक सच्चे राष्ट्रवादी व्यक्तित्व भी थे जिन्होंने पार्टी की विचारधारा के लिए अपने-आप को समर्पित कर दिया था। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के लिए वर्षों काम किया। फिर वे पंजाब में संगठन मंत्री भी बने और पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष भी।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब में जब आतंकवाद चरम पर था, उस समय कैंपस में काम करना बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन इस मुश्किल घड़ी में भी उन्होंने कैंपस में काम किया और पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाया। उन्होंने पंजाब में आयोजित ज्योति यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे भी ज्योति यात्रा में जाने का मौक़ा मिला था। मैं अमृतसर के एक कॉलेज में भाषण दे रहा था जब उस कार्यक्रम में व्यवधान पहुंचाने की कोशिश की गई लेकिन कमल शर्मा जी ने आगे बढ़ कर माहौल को शांत कराया और दूसरे पक्ष के लोगों को समझाया। इससे सिद्ध होता है कि वे कितने प्रभावी व्यक्तित्व थे। जब में पार्टी में पंजाब में महामंत्री थे और पंजाब में मैं चुनाव का काम देख रहा था तो मैंने पंजाब में हर सीट की वास्तविक स्थिति जाननी चाही थी। कमल शर्मा जी ने तत्क्षण एक-एक सीट की डिटेल अश्वनी शर्मा जी के साथ मिलकर मुझे बताई। ये उनके संगठन कौशल्य और पार्टी के प्रति उनके समर्पण को बताता है। मेरा पंजाब के पार्टी पदाधिकार्यों और कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि यदि हमें स्वर्गीय श्री कमल शर्मा जी को सच्ची श्रद्धांजलि देनी है और उनके बताये रास्ते पर चलना है तो हमें पंजाब में भारतीय जनता पार्टी को पहले स्थान पर स्थापित करना होगा। हमें अपनी पार्टी को शहर ने निकाल कर गाँव–गाँव, घर–घर पहुंचाना है। पंजाब की जनता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश भर में चल रही विकास यात्रा से जुड़ना चाहती है। हमें बस उन तक पहुंचना है।
पंजाब में कृषि सुधारों के खिलाफ में हो रहे प्रायोजित विरोध की चर्चा करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि पंजाब में राजनीतिक दल अपने निहित राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं। वे किसानों का भला नहीं चाहते, किसानों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकना चाहते हैं। वे बस विरोध के लिए इन महत्वपूर्ण कृषि सुधारों का विरोध कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी की विशेष जिम्मेवारी बनती है कि जब कांग्रेस और कुछ विपक्षी दल किसानों को गुमराह करने की साजिश रच रही है, तब हमें किसानों से बात कर इन कृषि सुधारों से होने वाले फायदे के बारे में बताना चाहिए और उनकी शंकाओं को दूर करना चाहिए।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के नेता तो बहुत बने लेकिन वे बस किसान के नाम पर राजनीति करते रहे, उनकी स्थिति में बदलाव लाने के लिए, उनकी भलाई के लिए कुछ भी नहीं किया। ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू किया, किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में सहायता पहुंचाई और कृषि सुधारों को कानून के रूप में लागू किया। किसानों की स्थिति में व्यापक बदलाव लाने का काम यदि किसी ने किया है तो वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं। कांग्रेस ने यूपीए सरकार के 10 वर्षों में केवल एक बार किसानों का कर्ज माफ किया वह भी महज 55 हजार करोड़ रुपये के लगभग जबकि प्रधानमंत्री जी ने देश के सभी किसानों के एकाउंट में प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता पहुंचाने का अभियान शुरू किया है। अब तक लगभग एक लाख करोड़ रुपये किसानों के एकाउंट में हस्तांतरित किया जा चुका है।
कृषि सुधारों की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा उठाये गए क़दमों की चर्चा करते हुए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इन विधेयकों ने किसानों को सशक्त करते हुए देश में ‘वन नेशन, वन मार्केट‘ की अवधारणा को चरितार्थ किया है। उन्होंने कहा कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक किसानों के सशक्तिकरण की दिशा में मील के पत्थर हैं। उन्होंने कहा कि जब अन्य उद्यमियों को अपने प्रोडक्ट को कहीं भी बेचने की छूट है तो किसानों को उनकी फसल को किसी भी मंडी में बेचने की छूट क्यों नहीं? ये किसानों के साथ ज्यादती थी कि नहीं? कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक के माध्यम से केंद्र सरकार ने यह व्यवस्था दी कि किसान जहां चाहें, अपने उत्पाद को बेच सकते हैं। वे किसी भी मंडी या मंडी के बाहर भी अपनी फसल बेच सकते हैं। पंजाब में तो किसान न मंडी बदल सकते हैं और न मंडी में अपना आढ़ती ही बदल सकते हैं। मंडी में कुछ लोगों के एकाधिकार के कारण किसानों को अच्छे दाम भी नहीं मिल पाते और किसानों को औने-पौने दाम पर अपने उत्पादों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अब किसानों को अलग अलग बाजार में उत्पादों के मूल्य के बारे में पता चल पायेगा और आगे भविष्य में मूल्य क्या रहने वाला है, इसकी भी जानकारी किसानों को मिला करेगी।
श्री नड्डा ने कहा कि विपक्ष हल्ला मचा रहा है कि एमएसपी अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य ख़त्म हो जाएगा जबकि हमार प्रधानमंत्री जी और कृषि मंत्री जी ने बार–बार यह कहा है कि एमएसपी था, है और रहेगा। एपीएमसी की व्यवस्था भी बनी रहेगी। हमारी सरकार ने तो एमएसपी बढ़ाने का काम किया है। मैं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जी से पूछना चाहता हूँ कि वे बताएं कि क्या कांग्रेस ने 2019 के चुनावी घोषणापत्र में यह नहीं लिखा था कि वह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देगी, मंडी की बंदिशों को ख़त्म करेगी और इशेंशियल कमोडिटी एक्ट को समाप्त करेगी? राहुल गाँधी ने 2013 में कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों से फ्रूट्स को एपीएमसी एक्ट से बाहर रखने को कहा था। आपने लिखा लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों के हित में करके दिखा दिया तो आपको तकलीफ क्यों हो रही है? यदि कांग्रेस में हिम्मत है तो वह सार्वजनिक रूप से बोले कि उनका मेनिफेस्टो जनता के साथ धोखा था, कांग्रेस बोले कि उसने जनता से झूठा वादा किया था। कांग्रेस अपनी गलती माने लेकिन ये नहीं हो सकता कि चित भी मेरी, पट भी मेरी। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के क्लॉज़ में स्पष्ट लिखा है कि कॉन्ट्रैक्ट जमीन का नहीं बल्कि जमीन पर उपजे उत्पाद का होगा। इतना ही नहीं, कॉन्ट्रैक्ट होने पर दाम पहले ही तय हो जायगा और मार्किट अच्छी हुई तो बोनस भी पहले से ही तय कर दिया जाएगा। जमीन का मालिकाना हक़ रखने वाले किसानों को कभी कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। इशेंशियल कमोडिटी एक्ट अनाज की कमी के कारण लाया गया था। आज जब देश में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है तो सप्लाई चेन को सुदृढ़ करने के लिए इसे हटाने की जरूरत थी। कांग्रेस ने भी इसकी वकालत की थी लेकिन आज वह इसके विरोध में है। मैंने कई बार कांग्रेस को और कृषि सुधारों का विरोध कर रहे लोगों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया लेकिन ये कहते हैं कि चर्चा नहीं करना है, बस कृषि सुधारों का विरोध करना है।
आदरणीय भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की हालत तो ऐसी हो गई है कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विरोध करते–करते देश के विरोध पर उतारू हो गई है। ये किस तरह की राजनीति है? उन्होंने पंजाब के पार्टी कार्यकर्ताओं से निवदेन करते हुए कहा कि आप पूरी विनम्रता के साथ किसानों से, किसान यूनियन से संपर्क साध कर उन्हें सच्चाई से अवगत कराएं, उनकी शंका का समाधान करें। याद रखें, जो परिवर्तन लाता है, उसी को विरोध सहना पड़ता है। हमारी सरकार का हर कदम देश के किसानों के हित में है। मुझे पार्टी कार्यकर्ताओं पर पूर्ण विश्वास है। देर–सबेर कृषि सुधारों का विरोध कर रहे विरोधी भी हमारे साथ आयेंगे क्योंकि इन सुधारों से कृषि और किसानों का ही फायदा होने वाला है। उन्होंने श्रीमती शशि शर्मा जी को सांत्वना देते हुए कहा कि हमारे लिए पार्टी ही परिवार है, हम सब, पूरी भारतीय जनता पार्टी आपके साथ खड़ी है।
महेंद्र पांडेय
(कार्यालय सचिव)