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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा पश्चिम बंगाल के आसनसोल दक्षिण और आसनसोल उत्तर में आयोजित टाउन हॉल कार्यक्रम में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

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Date: 14/04/2021



बंगाल की जनता ने अब तक चार चरणों के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में भारी मतदान करके यह स्पष्ट कर दिया है कि वे भाजपा के ‘सोनार बांग्ला‘ के लक्ष्य को साकार करने के लिए ‘असोल पोरिबोर्तन‘ हेतु तैयार हैं।

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आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के पास नेतृत्व भी हैनीति भीनीयत भीवातावरण भीकार्यक्रम और कार्यकर्ता भी। इसलिए बंगाल की जनता को ये अवसर चूकना नहीं चाहिए।

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जब तक नेता और नेतृत्व ईमानदार नहीं होगातब तक आप विकास के लिए कितना भी पैसा लगा दिया जायेविकास संभव नहीं है।

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बंगाल महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले में काफी आगे दिखाई देता है। दीदी एनसीआरबी को अपराध के आंकड़े नहीं देती। औरये सब करने के बाद भी दीदी को गुस्सा आता है। दीदीगुस्सा तो बंगाल की जनता को आना चाहिए।

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एक समय में बंगाल देश की आर्थिक और सांस्कृतिक शक्ति के रूप में जाना जाता था लेकिन पिछले 30-40 वर्षों में बंगाल की इस पहचान पर एक काली छाया सी पड़ गई लगती है।

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लंबे समय से पश्चिम बंगाल में ऐसी सरकारों ने शासन किया जिसने प्रशासन को राजनीतिक चश्मे से देखा। इन सरकारों ने भ्रष्टाचारगुंडागर्दीतानाशाहीतुष्टिकरण और हिंसा की राजनीति को ही अपने शासन का मंत्र बना लिया।

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यह चुनाव किसी पार्टी को सत्ता में लाने का चुनाव नहीं हैकिसी को मंत्री या मुख्यमंत्री बनाने का चुनाव नहीं है बल्कि यह चुनाव बंगाल की तस्वीर और तकदीर बदलने का चुनाव है।

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आज भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी की 130वीं जन्म जयंती पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है।उन्होंने शरणार्थी भाइयों को भारत की नागरिकता देने की वकालत की थी लेकिन तृणमूल सरकार सीएए का विरोध कर रही है। वह नहीं चाहती कि शरणार्थी भाइयों को सम्मान से भारत की धरती पर जीने का अधिकार मिले।

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आज तृणमूल कांग्रेस के नेता और नेत्री दलित भाइयों के खिलाफ लगातार अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन दीदी इसकी निंदा और भर्त्सना तक नहीं करती। ये बताता है कि ममता दीदी और तृणमूल कांग्रेस की दलित भाइयों के खिलाफ कैसी सोच है।

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जो दल ममता दीदी के साथ खड़े होते थेजो दलितों के हित की लंबी-चौड़ी बातें किया करते थेउन्होंने भी दलितों के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की अपमानजनक टिप्पणी की निंदा नहीं की। इसलिए ये चुनाव ऐसे दलों के दोहरे चरित्र को पर्दाफाश करने का भी चुनाव है।

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दीदी को 24 घंटे तक मौन रहना पड़ालेकिन दीदी ने लोगों को सुरक्षा बलों को घेर लेने और उन पर हमला के लिए जो उकसावे वाला भाषण दिया थाउन्होंने एक समुदाय से इकट्ठे हो जाने की जो बात कही थीक्या वह गलत नहीं था?

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आजरैलियों में चंडी पाठ किया जा रहा हैसरस्वती पूजा में तृणमूल के नेता शामिल हो रहे हैं लेकिन पिछले 10 वर्षों से ममता दीदी के शासन में दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए गएयह पूरे देश की जनता जानती है।दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा में अड़ंगा लगाने वालों को करारा जवाब देने का समय आ गया है।

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पिछले साल मुहर्रम के दिन बंगाल में तृणमूल सरकार ने कर्फ्यू हटा लिया लेकिन श्रीराम जन्मभूमि के शिलान्यास वाले दिन दीदी ने कर्फ्यू लगा दिया। चिंता मत कीजिये दीदीइस चुनाव में अपने मतदान के जरिये बंगाल की जनता आप पर सदा के लिए कर्फ्यू लगाने वाली है।

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मैं आपसे वादा करता हूँ कि बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही पहले ही कैबिनेट बैठक में किसान सम्मान निधि योजना लागू की जायेगी और इसके पिछले किस्तों की बकाये राशि के रूप में बंगाल के हर किसान के बैंक अकाउंट में 18 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए जायेंगे।

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ममता दीदी ने बंगाल के साढ़े चार करोड़ से अधिक गरीबों को आयुष्मान भारत के लाभ से भी वंचित रखने का पाप किया है। हमारी सरकार बनते ही आयुष्मान भारत योजना को भी लागू किया जाएगा।

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मोदी सरकार ने यूपीए सरकार की तुलना में बंगाल को चार गुना से अधिक राशि विकास कार्यों के लिए दी है लेकिन कट मनीसिंडिकेट और भ्रष्टाचार ने पश्चिम बंगाल में आर्थिक विकास को अवरुद्ध करके रख दिया है।

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आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने पिछले साल कोरोना लॉकडाउन के दौरान मार्च से लेकर नवंबर तक देश के लगभग 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त अनाज का प्रबंध किया लेकिन बंगाल में गरीबों के लिए भेजे गए अनाज तृणमूल कांग्रेस के कैडरों के घर से मिले।

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तृणमूल कांग्रेस ने तो अम्फान राहत के लिए केंद्र की ओर से भेजे गए पैसे में भी भ्रष्टाचार कर डाला। यदि हाईकोर्ट सीएजी से ऑडिट कराने का निर्णय दे और मुख्यमंत्री ऑडिट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच जाय तो स्पष्ट हो जाता है कि अम्फान रिलीफ फंड में भी बंगाल में भ्रष्टाचार हुआ।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज बुधवार को पश्चिम बंगाल के आसनसोल दक्षिण और आसनसोल उत्तर में दो टाउन हॉल कार्यक्रम को संबोधित किया और क्षेत्र के बुद्धिजीवियों से बंगाल की भलाई और विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत सरकार बनाने की अपील की।

 

श्री नड्डा ने कहा कि राजनीति में कई चीजें एक साथ होना बहुत जरूरी होता है। कभी किसी पार्टी के पास नेता होता है तो नीति नहीं, नेता और नीति होती है तो नीयत नहीं, नेता और नीति के साथ-साथ नीयत भी होती है तो कार्यक्रम और कार्यकर्ता नहीं होते, कभी वातावरण नहीं होता लेकिन यदि ये सब एक साथ मिल जाते हैं तो समाज में, राष्ट्र में सकारात्मक परिवर्तन अवश्य होता है।आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के पास नेतृत्व भी हैनीति भीनीयत भीवातावरण भीकार्यक्रम और कार्यकर्ता भी। इसलिए बंगाल की जनता को ये अवसर चूकना नहीं चाहिए।बंगाल की जनता ने अब तक चार चरणों के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में भारी मतदान करके यह स्पष्ट कर दिया है कि वे भाजपा के ‘सोनार बांग्ला‘ के लक्ष्य को साकार करने के लिए ‘असोल पोरिबोर्तन‘ हेतु तैयार हैं।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल के बारे में हम सब जानते हैं कि यह क्षेत्र शैक्षणिक एवं कला, साहित्य और सांस्कृतिक रूप कितना धनी है। कहा जाता है कि बंगाल जो आज सोचता हैदेश वह आने वाले कल में सोचता है। चाहे साहित्य की बात होसंस्कृति की रक्षा की बात होअध्यात्म को दुनिया में प्रतिष्ठित करने की बात होशिक्षा का क्षेत्र हो या फिर समाज सुधार की बातबंगाल ने हर क्षेत्र में देश का आगे बढ़ कर प्रतिनिधित्व किया है।बंगाल ने एक से एक महान व्यक्तित्व को देश को दिया है।एक समय में बंगाल देश की आर्थिक शक्ति के रूप में जाना जाता था। आचारविचार और संस्कार का गढ़ था बंगाल लेकिन पिछले 30-40 वर्षों में बंगाल की इस पहचान पर एक काली छाया सी पड़ गई लगती है।लंबे समय से पश्चिम बंगाल में ऐसी सरकारों ने शासन किया जिसने प्रशासन को राजनीतिक चश्मे से देखा। ऐसी सरकारों ने पिछले कुछ वर्षों से बंगाल में शासन किया है जिसने भ्रष्टाचारगुंडागर्दीतानाशाहीतुष्टिकरण और हिंसा की राजनीति को ही अपने शासन का मंत्र बना लिया।देखते ही देखते बंगाल में सारी व्यवस्था चरमरा गई। इसलिएइस बार का बंगाल विधान सभा चुनाव किसी पार्टी को सत्ता में लाने का चुनाव नहीं हैकिसी को मंत्री या मुख्यमंत्री बनाने का चुनाव नहीं है बल्कि यह चुनाव बंगाल की तस्वीर और तकदीर बदलने का चुनाव है।

 

श्री नड्डा ने कहा कि मैं तो पटना के पक्का बाड़ी में बंगाली माहौल में पला-बढ़ा। मेरे अधिकतर दोस्त बंगाली ही थे और वे सब पढ़ने-लिखने में कहीं आगे थे क्योंकि ये तो बंगाल की मिट्टी का ही प्रभाव था लेकिन पिछले 30-40 वर्षों में राज्य सरकार के कुशासन के कारण बंगाल का बहुत नुकसान हो चुका है। इस नुकसान से उभरना बहुत जरूरी है।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा किआज भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी की 130वीं जन्म जयंती पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है। बाबासाहेब ने अपने जीवन में काफी कष्ट झेले लेकिन वे सच्चे देशभक्त थे। वे देश की एकता, अखंडता और देश की भलाई के लिए सदैव कटिबद्ध रहे। उन्होंने शरणार्थी भाइयों को भारत की नागरिकता देने की वकालत की थी लेकिन तृणमूल सरकार सीएए का विरोध कर रही है। वह नहीं चाहती कि शरणार्थी भाइयों को सम्मान से भारत की धरती पर जीने का अधिकार मिले। आज तृणमूल कांग्रेस के नेता और नेत्री दलित भाइयों के खिलाफ लगातार अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन दीदी इसकी निंदा और भर्त्सना तक नहीं करती। ये बताता है कि ममता दीदी और तृणमूल कांग्रेस की दलित भाइयों के खिलाफ कैसी सोच है।ऐसे बंगाल की तो हमारे मनीषियों ने कल्पना नहीं की थी! ममता दीदी ने बंगाल को कितना नीचे पहुंचा दिया है!जो दल ममता दीदी के साथ खड़े होते थेजो दलितों के हित की लंबी-चौड़ी बातें किया करते थेउन्होंने भी दलितों के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की अपमानजनक टिप्पणी की निंदा नहीं की। इसलिए ये चुनाव ऐसे दलों के दोहरे चरित्र को पर्दाफाश करने का भी चुनाव है।प्रजातांत्रिक तरीके से जनता को दलितों का अपमान करने वाली पार्टी को करार जवाब देना चाहिए।

 

श्री नड्डा ने कहा किदीदी को 24 घंटे तक मौन रहना पड़ा।अब ये अलग बात है कि उन्होंने एक मुख्यमंत्री होकर धरना दिया। वैसे भी लोकतंत्र में हर किसी को धरना – प्रदर्शन का अधिकार है।लेकिन दीदी ने लोगों को सुरक्षा बलों को घेर लेने और उन पर हमला के लिए जो उकसावे वाला भाषण दिया थाउन्होंने एक समुदाय से इकट्ठे हो जाने की जो बात कही थीक्या वह गलत नहीं थाआजरैलियों में चंडी पाठ किया जा रहा हैसरस्वती पूजा में तृणमूल के नेता शामिल हो रहे हैं लेकिन पिछले 10 वर्षों से ममता दीदी के शासन में दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए गएयह पूरे देश की जनता जानती है।दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा में अड़ंगा लगाने वालों को करारा जवाब देने का समय आ गया है। पिछले साल मुहर्रम के दिन बंगाल में तृणमूल सरकार ने कर्फ्यू हटा लियासभी प्रतिबंधों में ढील दी लेकिन चार-पांच दिन बाद ही 05 अगस्त को जब अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी शिलान्यास कर रहे थे तो दीदी ने कर्फ्यू लगा दिया। चिंता मत कीजिये दीदीइस चुनाव में अपने मतदान के जरिये बंगाल की जनता आप पर सदा के लिए कर्फ्यू लगाने वाली है। 

 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लगभग 76 लाख किसान हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी देश के हर किसान के बैंक अकाउंट में सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दे रहे हैं लेकिन बंगाल के किसी भी किसान को यह लाभ नहीं मिल रहा क्योंकि दीदी ने बैंक अकाउंट के साथ किसानों की सूची ही केंद्र सरकार को नहीं सौंपा। दीदी कहती रही – होबे ना, होबे ना।मैं आपसे वादा करता हूँ कि बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही पहले ही कैबिनेट बैठक में किसान सम्मान निधि योजना लागू की जायेगी और इसके पिछले किस्तों की बकाये राशि के रूप में बंगाल के हर किसान के बैंक अकाउंट में 18 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए जायेंगे। साथ हीबंगाल की भाजपा सरकार अलग से कृषक सुरक्षा योजना के तहत राज्य के हर किसान को 4,000 रुपये अलग से देगी। इस तरह पश्चिम बंगाल के हर किसान को प्रति वर्ष 10,000 रुपये आर्थिक सहायता के रूप में प्राप्त होंगे। ममता दीदी ने पश्चिम बंगाल के साढ़े चार करोड़ से अधिक गरीबों को आयुष्मान भारत के लाभ से भी वंचित रखने का पाप किया है। हमारी सरकार बनते ही आयुष्मान भारत योजना को भी लागू किया जाएगा।

 

श्री नड्डा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने बंगाल के लिए ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर, ईस्ट कॉरिडोर और कोलकाता-सिलीगुड़ी सड़क मार्ग का निर्माण कराने का बीड़ा हाथ में लिया है।मोदी सरकार ने यूपीए सरकार की तुलना में बंगाल को चार गुना से अधिक राशि विकास कार्यों के लिए दी है। लेकिनहम बंगाल के विकास के लिए पैसा लगाते हैं पर तृणमूल कांग्रेस के भ्रष्टाचार के कारण ये विकास परियोजनाएं बंगाल में जमीन पर उतर ही नहीं पाती। कट मनीसिंडिकेट और भ्रष्टाचार ने पश्चिम बंगाल में आर्थिक विकास को अवरुद्ध करके रख दिया है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने पिछले साल कोरोना लॉकडाउन के दौरान मार्च से लेकर नवंबर तक देश के लगभग 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त अनाज का प्रबंध किया लेकिन बंगाल में गरीबों के लिए भेजे गए अनाज तृणमूल कांग्रेस के कैडरों के घर से मिले। तृणमूल कांग्रेस ने तो अम्फान राहत के लिए केंद्र की ओर से भेजे गए पैसे में भी भ्रष्टाचार कर डाला। यदि हाईकोर्ट सीएजी से ऑडिट कराने का निर्णय दे और मुख्यमंत्री ऑडिट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच जाय तो स्पष्ट हो जाता है कि अम्फान रिलीफ फंड में भी बंगाल में भ्रष्टाचार हुआ। यदि इसमें भ्रष्टाचार नहीं हुआ तो फिर ममता दीदी इसके ऑडिट से भाग क्यों रही हैं?क्या ऐसे प्रशासन को शासन में रखा जाये? बिलकुल नहीं।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जोर देते हुए कहा किजब तक नेता और नेतृत्व ईमानदार नहीं होगातब तक आप विकास के लिए कितना भी पैसा लगा दिया जायेविकास संभव नहीं है।राजनीति में ईमानदार नेतृत्व देने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है। आसनसोल में पीने के शुद्ध पानी की दिक्कत है, ड्रेनेज प्रॉब्लम है क्योंकि नेतृत्व का अभाव है। कट मनी की संस्कृति ने बंगाल में विकास को कट कर दिया है।बंगाल में युवाओं के पास रोजगार नहीं हैमहिलाओं की सुरक्षा नहीं हैइन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट नहीं है। बंगाल महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले में काफी आगे दिखाई देता है। दीदी एनसीआरबी को अपराध के आंकड़े नहीं देती। औरये सब करने के बाद भी दीदी को गुस्सा आता है। दीदीगुस्सा तो बंगाल की जनता को आना चाहिए।

 

श्री नड्डा ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है लेकिन कट मनी और सिंडिकेट राज के रहते ममता दीदी की सरकार में यह बंगाल में जमीन पर नहीं उतर सकता। यदि किसानों का कल्याण करना है, बंगाल में विकास की बयार लानी है, माताओं-बहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है तो भारतीय जतना पार्टी की सरकार बनानी ही होगी। यदि प्रधानमंत्री जी की आर्थिक सहायता और विकास योजनाओं को बिना कट मनी बंगाल के घर-घर, गाँव-गाँव पहुंचानी है तो तृणमूल कांग्रेस की सरकार को सत्ता से हटा कर कमल खिलाना ही होगा। हम सबने देखा कि डेंगू और कोरोना मैनेजमेंट के समय किस तरह ममता दीदी ने केंद्र के साथ असहयोग किया था।

 

आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सही नेतृत्व की जरूरत है और वह केवल भारतीय जतना पार्टी ही दे सकती है। आइये, हम सब मिल कर ‘सोनार बांग्ला’ के निर्माण हेतु ‘असोल पोरिबोर्तन’ का संकल्प लें।

 

महेंद्र पांडेय

(कार्यालय सचिव)

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